बादल फटने से माता-पिता को खो चुकी 10 माह की बच्ची को सरकार ने अपनाया
हिमाचल (Himachal) के मंडी जिले में बादल फटने (cloud burst) से अनाथ हुई 10 माह की नीतिका (Nitika) को राज्य की संतान घोषित किया है। राज्य सरकार उसकी शिक्षा व पालन-पोषण की जिम्मेदारी उठाएगी। चाइल्ड ऑफ द स्टेट ऐसे बच्चे को कहा जाता है, जिसकी देखभाल व कानूनी संरक्षण का अधिकार सरकार के पास होता है। राज्य सरकार अब इस बच्ची का पूरा खर्च उठाएगी।
नीतिका Nitika की शिक्षा और पालन-पोषण का खर्च हिमाचल सरकार उठाएगी। यह फैसला मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत लिया है। इस योजना को साल 2023 में राज्य के अनाथ बच्चों को सहायता प्रदान करने के लिए शुरू किया गया था।
बादल फटने के बाद आई बाढ़ में 10 महीने की नितिका Nitika ने अपनी आंखों के सामने अपने माता-पिता और दादी को खो दिया, लेकिन खुद चमत्कारी ढंग से बच निकली। भारी तबाही के बीच मासूम नितिका को मलबे से सही-सलामत निकालना किसी चमत्कार से कम नहीं था।
हिमाचल के मंडी में तलवाड़ा गांव में बादल फटने के बाद बाढ़ आई थी। इस तबाही में नीतिका के पिता रमेश (31) की मौत हो गई, रमेश घर में घुस रहे पानी के बहाव को मोड़ने के लिए बाहर गए थे। रमेश की पत्नी राधा देवी (24) और मां पूर्णु देवी (59) मदद के लिए उसके पीछे-पीछे गए। वे वापस नहीं लौटे।
बादल फटने का मुख्य कारण क्या है?
तापमान का अंतर: गर्म और ठंडी हवाओं का टकराव बादल फटने का एक प्रमुख कारण है। गर्म हवा में अधिक नमी होती है, जो ठंडी हवा के संपर्क में आने पर तेजी से बारिश बनकर गिरती है। जलवायु परिवर्तन: बढ़ते तापमान और जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम की कई घटनाएं हो रही हैं। इसमें बादल फटना, बाढ़ आन शामिल है।
बादल फटने पर कितना पानी गिरता है?
जानकारों के मुताबिक इस दौरान बारिश लगभग 100 मिलीमी.प्रति घंटे की रफ्तार से होती है. आमतौर पर बादल फटने की घटनाएं मॉनसून के समय जून-जुलाई से लेकर सितंबर तक होती हैं. आपको बता दें, यह घटनाएं ज्यादातर पहाड़ी इलाकों में ही देखने को मिलती है।