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Latest News : बिहार चुनाव तारीखों का ऐलान आज 4 बजे

Surekha Bhosle
Surekha Bhosle
Latest News : बिहार चुनाव तारीखों का ऐलान आज 4 बजे

दो चरणों में हो सकती है वोटिंग; सभी प्रमुख दलों ने छठ पर्व के बाद मतदान की रखी मांग

  • चुनाव आयोग आज शाम 4 बजे करेगा तारीखों की घोषणा
  • संभावित है कि मतदान 2 चरणों में कराया जाए
  • छठ महापर्व को देखते हुए सभी दलों ने बाद की तारीख की मांग की
  • सुरक्षा व्यवस्था और त्योहारों को ध्यान में रखते हुए शेड्यूल तय किया जा सकता है
  • चुनावी आचार संहिता आज से हो सकती है लागू

चुनाव आयोग आज बिहार (Bihar) विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। आज शाम 4 बजे दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। चुनाव के ऐलान के साथ ही आचार संहिता लागू हो जाएगी।

22 नवंबर 2025 तक चुनाव (election) की प्रक्रिया पूरी कर लेनी है। सभी दलों ने निर्वाचन आयोग से छठ के बाद वोटिंग कराने की मांग की है। राज्य में दो फेज में वोटिंग हो सकती है

2020 में बिहार में 3 फेज में चुनाव हुए थे। 20 अक्टूबर से 7 नवंबर तक वोटिंग हुई। 10 नवंबर को रिजल्ट घोषित किया गया था। 2015 में 5 फेज में वोटिंग हुई थी। 12 अक्टूबर से 5 नवंबर तक मतदान हुआ। 8 नवंबर को चुनाव नतीजे आए थे।।

बिहार में चुनाव की तैयारियों को लेकर चीफ इलेक्शन कमिश्नर (CEC) ज्ञानेश कुमार ने रविवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। CEC ने कहा, बिहार में SIR पूरी तरह सफल रहा। मतदाता सूची में यह सबसे बड़ी पहल रही।

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उन्होंने बताया, ‘जिनके नाम-पता या उम्र में बदलाव हुआ है, उन्हें 15 दिन में नया वोटर कार्ड मिलेगा।’

SIR में 69.29 लाख वोटर्स के नाम कटे

चुनाव आयोग ने बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की फाइनल लिस्ट 30 सितंबर को जारी कर दी गई है। बिहार में वोटर्स की संख्या 6% घटकर 7.42 करोड़ हो गई है।

फाइनल लिस्ट से 69.29 लाख नाम कटे हैं। 21.53 लाख नए नामों को जोड़ा गया है।

2020 में 85% उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई थी विधानसभा चुनाव 2020 में 243 विधानसभा सीटों पर 3733 उम्मीदवारों ने भाग्य आजमाया था। इनमें से 3205 उम्मीदवारों यानी 85% की जमानत जब्त हो गई। केवल 285 उम्मीदवार ही हार के बाद भी जमानत बचा सके थे।

चुनाव में 212 राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवार उतारे थे। इसमें 6 राष्ट्रीय और 4 क्षेत्रीय पार्टियां थीं। इसके अलावा 1299 निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़े थे। इसमें केवल एक निर्दलीय को ही जीत मिली थी।

चुनाव का महत्व

इन दिनों चुनाव कराने के लिए दो प्रणालियाँ, जिनमें से किसी का भी उपयोग किया जा सकता है, प्रचलित हैं: मतपत्र प्रणाली (एक मतपत्र पर राजनीतिक दल का नाम लिखकर उसे एक सुरक्षित डिब्बे में रखना) ।

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