नई दिल्ली,। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के उस बयान का कड़ा विरोध किया है जिसमें मोदी ने कहा था कि पंडित जवाहरलाल नेहरू जम्मू-कश्मीर का पूरा विलय नहीं चाहते थे। खड़गे ने इसे सरासर झूठा और निंदनीय बताया।
मोदी का दावा: नेहरू ने रोका कश्मीर का पूरा विलय
दरअसल, पीएम मोदी ने शुक्रवार को कहा था कि सरदार पटेल (Sardar Patel) अन्य देसी रियासतों की तरह पूरे कश्मीर का भारत संघ में विलय चाहते थे, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ऐसा होने नहीं दिया।
खड़गे का जवाब: इतिहास से छेड़छाड़, बयान भ्रामक
इस पर कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (Social Media Platform X) पर पोस्ट करते हुए कहा कि पीएम मोदी का यह बयान कि नेहरू कश्मीर का भारत में विलय नहीं चाहते थे, सरासर झूठ और निंदनीय है। उन्होंने कहा कि विलय की प्रक्रिया में नेहरू शेख अब्दुल्ला के संपर्क में थे, जबकि पटेल महाराजा हरि सिंह से जुड़े थे।
पत्राचार और ऐतिहासिक दस्तावेजों का हवाला
खड़गे ने कहा कि वी. शंकर द्वारा संकलित ‘सरदार पटेल चुना हुआ पत्र-व्यवहार’ पुस्तक में कम से कम 50 पत्र मौजूद हैं जो नेहरू-पटेल के संयुक्त प्रयासों का प्रमाण हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 27 सितंबर 1947 को नेहरू के पटेल को लिखे पत्र में पाकिस्तान के कबायली हमले की साजिश और त्वरित निर्णय की आवश्यकता का उल्लेख किया गया था।
खड़गे की सलाह: PM मोदी पढ़ें इतिहास के वास्तविक दस्तावेज
कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी को सलाह दी कि वे स्वयं संबंधित पत्राचार और संविधान सभा की बहसें पढ़ें। इससे इतिहास का वास्तविक स्वरूप सामने आएगा। उन्होंने कहा कि धारा 370 के संदर्भ में भी पटेल और नेहरू के बीच घनिष्ठता और पटेल की भूमिका को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि धारा 370 को पटेल की उपलब्धि माना जाना चाहिए।
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