बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की वोटिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब राज्यभर में मतगणना की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने राज्य के 46 मतगणना केंद्रों (Countings Centre) पर मतगणना को लेकर सभी व्यवस्थाओं को पुख्ता कर लिया है। मतगणना शुक्रवार सुबह आठ बजे डाक मतपत्रों से शुरू होगी, जबकि 8:30 बजे से ईवीएम (EVM) की गिनती शुरू कराई जाएगी। आयोग ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि मतगणना प्रक्रिया को पूर्ण पारदर्शिता और सुरक्षा के साथ संपन्न कराया जाए।
मतगणना केंद्रों पर कड़ी निगरानी और सख्त प्रोटोकॉल
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार, मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सख्त प्रोटोकॉल लागू किए गए हैं। किसी भी व्यक्ति को मतगणना स्थल पर मोबाइल फोन, कैमरा या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले जाने की अनुमति नहीं होगी। पूरी प्रक्रिया की सीसीटीवी और वीडियोग्राफी (CCTV and Videography) के माध्यम से निगरानी की जाएगी, हालांकि इसका लाइव प्रसारण नहीं किया जाएगा।
निष्पक्ष और भयमुक्त मतगणना सर्वोच्च प्राथमिकता
आयोग ने स्पष्ट किया है कि स्वतंत्र, निष्पक्ष, भयमुक्त और पारदर्शी मतगणना कराना सर्वोच्च प्राथमिकता है। मतगणना दिवस पर हजारों अधिकारी, कर्मचारी, प्रत्याशी और उनके प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। इसके मद्देनजर भीड़ प्रबंधन, यातायात, बिजली, चिकित्सीय सहायता और स्वच्छता व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
हर टेबल पर पर्यवेक्षक और माइक्रो ऑब्जर्वर तैनात
प्रत्येक मतगणना हॉल में 15 टेबलों की व्यवस्था की गई है, जिनमें से 14 पर ईवीएम की गिनती होगी, जबकि एक टेबल सहायक निर्वाची अधिकारी के अधीन रहेगी। हर टेबल पर एक काउंटिंग सुपरवाइजर, एक असिस्टेंट और एक माइक्रो ऑब्जर्वर तैनात रहेंगे। प्रत्याशी भी टेबलों की संख्या के अनुसार काउंटिंग एजेंट नियुक्त कर सकते हैं।
मतगणना की सुरक्षा के लिए त्रि-स्तरीय घेराबंदी
आयोग ने मतगणना केंद्रों पर त्रि-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए हैं।
- पहले घेरे में केंद्रीय अर्धसैनिक बल
- दूसरे घेरे में बिहार सैन्य पुलिस
- तीसरे घेरे में जिला पुलिस बल की तैनाती होगी।
साथ ही, स्ट्रांग रूम की 24 घंटे निगरानी के लिए विशेष सुरक्षा दल तैनात हैं, जिससे ईवीएम की सुरक्षा में कोई चूक न हो।
पारदर्शिता पर निर्वाचन आयोग का जोर
निर्वाचन आयोग ने कहा है कि बिहार के 38 जिलों में बनाए गए 46 केंद्रों पर होने वाली मतगणना की प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी रखा जाएगा। प्रत्येक चरण में आयोग के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। यह व्यवस्था बिहार के चुनावी इतिहास में एक सुव्यवस्थित और तकनीकी रूप से मजबूत मतगणना प्रणाली की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
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