नई दिल्ली। दिल्ली में सोमवार सुबह वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में रही क्योंकि शहर में धुंध की मोटी चादर छाई रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक सुबह 7 बजे एक्यूआई 345 पर रहा। दिल्ली में प्रदूषण के बिगड़ते स्तर के बीच रविवार को दिल्ली में इंडिया गेट (India Gate) पर अभिभावकों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं समेत बड़ी संख्या में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारियों जिनमें से कई बच्चों के साथ माताएं भी थीं, उन्होंने कहा कि वे स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने के लिए सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग को लेकर यहां जमा हुए थे।
प्रमुख निगरानी केंद्रों पर प्रदूषण का स्तर
आनंद विहार-379, अशोक विहार-367, आईटीओ-376, चाँदनी चौक-360, ओखला फेज़-2-348, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम-316, आईजीआई हवाई अड्डा (टी3)-305, जहांगीरपुरी-389, लोधी रोड-314, नजफगढ़-335, रोहिणी-390, आरके पुरम-363, वाजीपुर-397 एक्यूआई दर्ज किया गया। वहीं नोएडा में सेक्टर 62 में एक्यूआई-342, सेक्टर 1 में 325 और सेक्टर 116 में 339 दर्ज किया गया। ग्रेटर नोएडा (Grator Noida) में नॉलेज पार्क-3 और नॉलेज पार्क-5 में एक्यूआई का स्तर क्रमशः 316 और 314 दर्ज किया गया।
एनसीआर के अन्य शहरों में भी हालात खराब
इस बीच गुरुग्राम (Gurugram) के सेक्टर 51 में एक्यूआई 327 दर्ज किया गया, जबकि फरीदाबाद के न्यू इंडस्ट्रियल टाउन और सेक्टर 11 में वायु गुणवत्ता का स्तर क्रमशः 230 और 238 रहा, जो तुलनात्मक रूप से बेहतर था। शून्य से 50 के बीच के एक्यूआई को अच्छा, 51-100 के बीच संतोषजनक, 101-200 के बीच मध्यम, 201-300 के बीच खराब, 301-400 के बीच बहुत खराब और 401-500 के बीच अति गंभीर माना जाता है।
सीएक्यूएम ने नहीं लागू किए जीआरएपी चरण-3 के प्रतिबंध
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली की वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी के उच्च स्तर पर बने रहने के बावजूद, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के चरण 3 प्रतिबंधों को फ़िलहाल लागू नहीं करने का फैसला लिया है। दिल्ली का दैनिक औसत एक्यूआई दिन में गंभीर सीमा के करीब पहुंचने के बाद, सीएक्यूएम की उप-समिति ने रविवार शाम वायु गुणवत्ता की स्थिति की समीक्षा की। पैनल के मुताबिक सुबह 10 बजे दिल्ली का प्रति घंटा औसत एक्यूआई 391 दर्ज किया गया, जो बाद में शाम 4 बजे तक सुधरकर 370 और शाम 5 बजे तक 365 हो गया।
आने वाले दिनों में मामूली सुधार की उम्मीद
भारत मौसम विज्ञान विभाग और भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के पूर्वानुमानों से पता चलता है कि आने वाले दिनों में समग्र वायु गुणवत्ता बिना किसी तीव्र गिरावट के बहुत खराब श्रेणी में रहने की संभावना है। मामूली सुधार और पूर्वानुमान के रुझानों को देखते हुए उप-समिति ने एनसीआर में मौजूदा चरण 1 और चरण 2 के उपायों को जारी रखने और इस स्तर पर चरण 3 के प्रतिबंधों को लागू नहीं करने का फैसला लिया।
जीआरएपी चरण 3 में क्या होते हैं नियम
जीआरएपी चरण 3 में गैर-ज़रूरी निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगाया गया है। चरण 3 के तहत कक्षा 5 तक की कक्षाओं को हाइब्रिड मोड में स्थानांतरित करना जरूरी होता है। अभिभावकों और छात्रों के पास जहां भी उपलब्ध हो, ऑनलाइन शिक्षा चुनने का विकल्प होता है। इसके तहत दिल्ली और आसपास के एनसीआर जिलों में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल कारों का उपयोग प्रतिबंधित है। विकलांग व्यक्तियों को इससे छूट दी गई है।
सर्दियों में प्रदूषण का वार्षिक संकट
सर्दियों में दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में जीआरएपी के तहत प्रतिबंध लागू होते हैं, जो वायु गुणवत्ता को चार चरणों में वर्गीकृत करता है — चरण 1 खराब (एक्यूआई 201-300), चरण 2 बहुत खराब (301-400), चरण 3 गंभीर (401-450) और चरण 4 गंभीर प्लस (450 से ऊपर)। प्रतिकूल मौसम, वाहनों के उत्सर्जन, पराली जलाने और पटाखों जैसे स्थानीय स्रोतों के कारण दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता का स्तर हर साल खतरनाक हो जाता है।
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