जॉइंट मैनेजमेंट कमिटी से सीटों पर फोकस
पटना: बिहार(Bihar) विधानसभा चुनाव(Election) से पहले एनडीए(NDA) ने बड़ा दांव खेलने की तैयारी कर ली है। सीट शेयरिंग की चर्चा जारी है, लेकिन गठबंधन अब एकजुटता दिखाने के लिए जॉइंट मैनेजमेंट कमिटी और कॉर्डिनेशन टीम बनाने पर काम कर रहा है। इन समितियों का मकसद हर सीट पर समान रूप से ध्यान देना और सभी दलों को चुनावी(Election) प्रचार में शामिल करना होगा। इससे एनडीए पूरे राज्य में मजबूती के साथ उतरने की रणनीति बना रहा है।
हर सीट पर होगी साझा रणनीति
एनडीए नेताओं का कहना है कि घटक दल सिर्फ अपनी सीटों तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि पूरे बिहार में चुनावी गतिविधियों पर जोर देंगे। इसके लिए जॉइंट मैनेजमेंट कमिटी बनाई जाएगी, जिसमें सभी दलों के नेता शामिल होंगे। यह कमिटी सीटवार रणनीति तैयार करेगी और प्रचार कार्यक्रम भी तय करेगी।
कॉर्डिनेशन कमिटी इस बात पर ध्यान रखेगी कि किस विधानसभा क्षेत्र में किस पार्टी के नेता को प्रचार करना है। इससे न केवल संगठन मजबूत होगा, बल्कि विपक्ष को चुनौती देने में भी आसानी होगी। एनडीए का मकसद यह दिखाना है कि सभी दल एकजुट होकर मैदान में उतरे हैं।
कॉमन मिनिमम प्रोग्राम और प्रचार योजना
एनडीए की तरफ से इस बार एक कॉमन(Election) मिनिमम प्रोग्राम भी लाया जा सकता है। इसके जरिए बिहार के लोगों से वादे किए जाएंगे कि सत्ता में आने पर गठबंधन सरकार किन कामों को प्राथमिकता देगी। हालांकि, हर पार्टी अपना अलग घोषणापत्र भी जारी करेगी।
बीजेपी(BJP) नेताओं का कहना है कि केंद्र और राज्य में किए गए कामों को जनता तक घर-घर पहुंचाया जाएगा। सभी दल अपनी-अपनी उपलब्धियों को प्रचार में शामिल करेंगे। सीट शेयरिंग को लेकर लगातार मीटिंग हो रही है, ताकि उम्मीदवारों का चयन और प्रचार अभियान में कोई देरी न हो।
अमित शाह के दौरे से बढ़ी हलचल
गृह मंत्री अमित शाह 18 सितंबर को बिहार का दौरा करेंगे। वह पटना में पार्टी नेताओं के साथ अहम बैठक करेंगे और रणनीति को अंतिम रूप देंगे। इसके बाद 27 सितंबर को उनका दूसरा दौरा तय है।
शाह के इस दौरे को चुनावी गतिविधियों में बड़ा मोड़ माना जा रहा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इन बैठकों के बाद सीट शेयरिंग और उम्मीदवारों की तस्वीर और साफ हो जाएगी।
NDA की जॉइंट मैनेजमेंट कमिटी का मुख्य उद्देश्य क्या होगा?
इस कमिटी का उद्देश्य सभी घटक दलों को साथ लाकर हर विधानसभा क्षेत्र में साझा रणनीति बनाना है। इसके जरिए सीटवार प्रचार और उम्मीदवारों की मजबूती पर ध्यान दिया जाएगा।
अमित शाह के बिहार दौरे को क्यों अहम माना जा रहा है?
अमित शाह का दौरा सीट शेयरिंग और रणनीति तय करने के लिहाज से बेहद अहम है। उनकी मौजूदगी से सीनियर नेताओं के बीच तालमेल और चुनावी(Election) अभियान में तेजी आने की उम्मीद है।
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