भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की राजनीति में बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। राजधानी भोपाल की मध्य विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद (Congress MLA Arif Masood) पर अब धोखाधड़ी का मामला दर्ज हो गया है। यह कार्रवाई जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश पर की गई है। आरोप है कि मसूद ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपने कॉलेज को मान्यता दिलवाई थी।
हाईकोर्ट के आदेश पर FIR
जबलपुर हाईकोर्ट ने सोमवार को सुनवाई करते हुए इस मामले में तल्ख टिप्पणी की और विधायक मसूद के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। कोर्ट ने भोपाल कमिश्नर को आदेश दिया कि तीन दिन के भीतर एफआईआर दर्ज कर इसकी जानकारी अदालत को दी जाए। इसके बाद कोहेफिजा थाने में मसूद के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया।
शिकायत और जांच की पूरी कहानी
इस पूरे प्रकरण की शिकायत पूर्व भाजपा विधायक और हालिया विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे ध्रुवनारायण सिंह ने की थी। उनकी शिकायत पर हुई जांच में यह सामने आया कि अमन एजुकेशन सोसाइटी ने इंदिरा प्रियदर्शनी कॉलेज के संचालन के लिए कूटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। जांच में यह तथ्य सामने आया कि फर्जी एनओसी और नकली सेल डीड के आधार पर कॉलेज को मान्यता दिलवाई गई।
कॉलेज की मान्यता रद्द, छात्रों को राहत
उच्च शिक्षा विभाग ने जांच पूरी होने के बाद कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी थी। हालांकि, छात्रों के भविष्य को देखते हुए हाईकोर्ट ने कॉलेज को फिलहाल जारी रखने की अनुमति दी, लेकिन नए एडमिशन पर रोक लगा दी। अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि “बिना राजनीतिक संरक्षण के इतने सालों तक ऐसा कॉलेज नहीं चल सकता।”
एसआईटी करेगी जांच
हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित करने का आदेश भी दिया है। एडीजी संजीव शमी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम बनाई गई है, जो 90 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेगी।
राजनीति में बढ़ी हलचल
एफआईआर दर्ज होने और एसआईटी जांच के आदेश के बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। भाजपा जहां कांग्रेस पर हमलावर है, वहीं कांग्रेस की ओर से अब तक इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा विधानसभा और राजनीतिक गलियारों में बड़ा विवाद खड़ा कर सकता है।
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