मीडिल ईस्ट में माहौल गरम
कुछ दोस्त ऐसे भी होते हैं जो जुबान से तो बड़ी बड़ी बातें करते हैं, लेकिन मुसीबत में फंसने पर किनारा काट जाते हैं। पहलगाम (Pahalgam) में निर्दोष लोगों का खून बहाने के बाद भारत ने आतंक के पनाहगाह पर ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) नाम से स्ट्राइक की। इसके जवाब में पाकिस्तान ने पलटवार करना चाहा लेकिन भारत के उन्नत एयर डिफेंस सिस्टम ने उसके दूसरे देशों से उधार लिए गए ड्रोन और मिसाइलों को धूल चटा दी। पाकिस्तान को उस वक्त उम्मीद थी कि भारत से पिटाई के वक्त उसका दोस्त चीन उसकी मदद करेगा। लेकिन चीन ने पूरे मामले में संतुलित रवैया अपनाए रखा। इस घटना के एक महीने बाद ही मीडिल ईस्ट में माहौल गरम हो गया। ईरान और इजरायल के बीच जंग छिड़ गया। इजरायल का साथ देने के लिए अमेरिका भी उतर गया। लेकिन जिस पुराने मित्र चीन से ईरान उम्मीदें लगाए बैठा था वो जुबानी जमा खर्च से ज्यादा कुछ करता नजर नहीं आया।
ईरान-पाकिस्तान दोनों के लिए नुकसानदायक साबित हुई चीन की दोस्ती
तेहरान के मित्र ईरान को तबाह करने वाले युद्ध को पसंद नहीं करते, लेकिन वे इजरायल के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने के लिए तैयार नहीं हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा ईरानी परमाणु सुविधाओं पर बी2 बॉम्बर्स अटैक के बाद रूस और चीन ने तनाव कम करने का आग्रह किया और इस बात पर जोर दिया है कि बढ़ते संघर्ष के खतरनाक परिणाम पूरी दुनिया पर पड़ सकते हैं। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 19 जून को कहा कि यदि मध्य पूर्व अस्थिर है, तो दुनिया में शांति नहीं रहेगी। यदि संघर्ष आगे बढ़ता है, तो न केवल संघर्षरत पक्षों को अधिक नुकसान होगा, बल्कि क्षेत्रीय देशों को भी बहुत नुकसान होगा।
ईरान का भी खुलकर साथ नहीं दिया
इजरायल ने जब ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया। ईरान ने इसका जवाब भी दिया। लेकिन अमेरिकी बॉम्बर्स के द्वारा ईरानी परमाणु संयंत्रों पर अटैक के बाद तेहरान को उम्मीद थी कि अब तो चीन उसका साथ देगा। लेकिन लेकिन संकट में चीन ने केवल बयानबाजी की। चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस और पाकिस्तान के साथ मिलकर युद्धविराम का प्रस्ताव रखा, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। मॉडर्न डिप्लोमेसी की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल-ईरान युद्ध ने चीन की मध्य पूर्व में प्रभाव की कमी को उजागर किया।
भारत-पाकिस्तान युद्धविराम में चीन ने कोई भूमिका नहीं निभाई
इस साल की शुरुआत में चीन ने इसी तरह भारत और पाकिस्तान दोनों से संयम बरतने का आह्वान किया था। वैसे तो पाकिस्तान चीन का परम मित्र है। जबकि चीन पर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस को बहुत अधिक सहायता प्रदान करने का आरोप लगाया गया है, चीन ने कहा है कि वह अपने पड़ोसी को हथियार या सैनिक प्रदान नहीं करता है।
लेकिन भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद जब पाकिस्तान ने पलटवार करने की कोशिश की थी तो उसमें चीनी फाइटर जेट्स के इस्तेमाल की बात किसी से छुपी नहीं है। भारत ने पाकिस्तान के कई हवाई अड्डों को नष्ट कर दिया, जिसमें चीन द्वारा दिए गए एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह नाकाम रहे। पाकिस्तान की J-10C जेट्स और HQ-9 वायु रक्षा प्रणालियां भारत के राफेल और S-400 के सामने बेकार साबित हुई। भारत-पाकिस्तान युद्धविराम में चीन ने कोई भूमिका नहीं निभाई।
- Latest Hindi News : अभिषेक टी20 में सर्वश्रेष्ठ भारतीय बल्लेबाज बनेगा : अश्विन
- Latest Hindi News : वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भी नहीं खेलेंगे ऋषभ
- Hindi News: क्रिकेटर युवराज सिंह ED दफ्तर पहुंचे, ऑनलाइन बेटिंग ऐप केस में सवाल-जवाब; पूर्व क्रिकेटरों पर सख्ती, सोनू सूद का नंबर कल
- Latest Hindi News : नक्सलियों की साजिश नाकाम, सुरक्षाबलों ने 5 आईईडी किया डिफ्यूज
- Hindi News: काला चश्मा, सफेद कुर्ता… करीब 2 साल बाद जेल से रिहा हुए आजम खान