नई दिल्ली। इंडिगो मामले को लेकर राजनीतिक हलचल बढ़ती जा रही है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई (Congress MP Gaurav Gogoi) ने केंद्र सरकार की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि केवल मंत्री के बयान दे देने से सरकार अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त नहीं हो सकती। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस पूरे प्रकरण की असल कहानी सामने आनी चाहिए और सदन में विस्तार से चर्चा होना बेहद जरूरी है।
‘सरकार जिम्मेदारी निजी कंपनी पर डाल रही है’- गोगोई
गौरव गोगोई ने मीडिया से बातचीत के दौरान आरोप लगाया कि पिछले दो दिनों में सरकार ने संसद के दोनों सदनों में दिए गए बयानों में पूरी जिम्मेदारी एक निजी कंपनी पर डाल दी है, जैसे उसकी खुद की कोई भूमिका ही न हो। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है मानो नियामक संस्थाओं की कोई जिम्मेदारी ही नहीं बची। हजारों उड़ानें रद्द हुईं, यात्रियों को एयरपोर्ट (Airport) पर कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा और उन्हें आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा, लेकिन सरकार अपनी जवाबदेही से दूर खड़ी दिखाई देती है।
नए पायलट नियमों पर भी उठे सवाल
सांसद ने यह भी कहा कि पायलटों की सुविधा के लिए लाए गए नए नियमों को सरकार ने अचानक वापस ले लिया। न पायलटों को राहत मिली, न यात्रियों को और न ही सरकार ने अपनी भूमिका स्वीकार की।
उन्होंने कहा कि लोकसभा में मंत्री का बयान आने के बाद विपक्ष ने असहमति जताते हुए वॉकआउट किया, क्योंकि सरकार पूरे मामले पर ईमानदार चर्चा से बच रही है।
‘उड़ानें कितनी रद्द हुईं नहीं, असल कहानी सामने आए’
गोगोई ने कहा कि एक सप्ताह में कितनी उड़ानें रद्द हुईं, यह केवल आंकड़ा नहीं है, बल्कि इसके पीछे की पूरी सच्चाई सामने आनी चाहिए। उन्होंने एविएशन इंडस्ट्री (Aviation Industry) की स्थिति पर भी चिंता जताई—महंगी सुविधाएं, बढ़ते टिकट दाम, पायलटों एवं ग्राउंड स्टाफ की खराब स्थितियां और कुछ निजी कंपनियों के दबदबे का मुद्दा उठाया।
दूसरी सांसदों ने भी उठाए सवाल
इसी मुद्दे पर सांसद फौजिया खान ने भी कहा कि नोटिस भेजना जरूरी है, लेकिन क्या सारी गलती सिर्फ इंडिगो की है? क्या सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती? उन्होंने पूछा कि जो नियम लागू किए गए थे, वे क्या सही थे, और यदि नहीं—तो अचानक पूरी व्यवस्था कैसे ठप हो गई?
वंदे मातरम् विवाद पर प्रतिक्रिया
वंदे मातरम् को लेकर चल रही बहस पर कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने कहा कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे कुछ भी कहा जाए, इतिहास की सच्चाई नहीं बदलती। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान किसने क्या भूमिका निभाई, यह इतिहास में स्पष्ट दर्ज है।
सोनिया गांधी को नोटिस पर भी राजनीति गर्माई
सोनिया गांधी को नोटिस जारी किए जाने पर कांग्रेस नेता किरण कुमार चमाला ने आरोप लगाया कि बार-बार सोनिया गांधी और उनके परिवार को निशाना बनाना राजनीतिक विद्वेष का संकेत है।उन्होंने कहा कि कई राज्यों में एसआईआर प्रक्रिया का दुरुपयोग किया जा रहा है और चुनाव सुधारों पर चर्चा भी लंबे दबाव के बाद शुरू हो पाई।
एविएशन सेक्टर की खामियां उजागर
इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल इंडिगो विवाद को चर्चा में ला दिया है, बल्कि सरकार की जवाबदेही, नियामक संस्थाओं की भूमिका और एविएशन सेक्टर की खामियों पर भी कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
Read More :