बिहार के उपमुख्यमंत्री सह राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने सोमवार को अपने कार्यालय में राज्यभर में चल रहे विशेष भू-सर्वेक्षण अभियान की उच्चस्तरीय समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि सर्वेक्षण कार्य को निर्धारित समयसीमा के भीतर हर हाल में पूरा किया जाए, क्योंकि यह सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है।
विशेष भू-सर्वेक्षण. पहले चरण में 961 गांवों में पूरा हुआ कार्य
समीक्षा बैठक में सिन्हा ने जिलावार प्रगति रिपोर्ट पर संतोष जताया और बताया कि बिहार (Bihar) में विशेष भू-सर्वेक्षण दो चरणों में संचालित हो रहा है—
- पहला चरण (सितंबर 2020 से): 20 जिलों के 89 अंचलों के 5,657 मौजे
- दूसरा चरण (अगस्त 2024 से): 18 जिलों के 448 अंचलों के 37,384 मौजे
उन्होंने कहा कि प्रथम चरण के 961 गांवों में सर्वेक्षण पूरा कर अंतिम अधिकार अभिलेख प्रकाशित किए जा चुके हैं, जबकि शेष गांवों में प्रक्रिया तेजी से चल रही है।
प्रत्येक जिले की ‘सुस्त 10 पंचायतों’ पर होगी कड़ी निगरानी
उपमुख्यमंत्री ने बैठक में सभी जिलों की अंचलवार प्रगति की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिया कि हर जिले में सबसे धीमी प्रगति वाली 10 पंचायतों की सूची तैयार की जाए और उन पर विशेष निगरानी रखी जाए, ताकि लापरवाही की गुंजाइश न बचे। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण कार्य राज्य के भूमि सुधार और प्रशासनिक सुशासन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसलिए किसी स्तर पर ढिलाई स्वीकार नहीं होगी।
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वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हुई समीक्षा
बैठक में विभाग के प्रधान सचिव सी.के. अनिल (CK Anil) भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय की निदेशक जे. प्रियदर्शिनी सहित सभी वरीय अधिकारी उपस्थित थे। उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सर्वेक्षण की गुणवत्ता और गति दोनों को प्राथमिकता देते हुए कार्य निष्पादित किया जाए।
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