नई दिल्ली। आने वाले समय में तेल व गैस की खोज और उत्पादन महंगा हो जाएगा। जीएसटी काउंसिल (GST Counsil) ने इन सेवाओं पर कर को 12% से बढ़ाकर 18% करने का फैसला किया है। नई कर दरें 22 सितंबर से लागू होंगी। हालांकि, इसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ मिलेगा।
कच्चा तेल और गैस जीएसटी से बाहर
रेटिंग एजेंसी इक्रा के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत वशिष्ठ ने कहा कि यह बढ़ोतरी उत्पादन लागत को बढ़ा देगी। चूंकि कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस जीएसटी के दायरे से बाहर हैं, इसलिए करों का बोझ कंपनियों पर और ज्यादा होगा। उन्होंने बताया कि अप्रैल 2025 से तेल और गैस की कीमतें वैश्विक चुनौतियों और ओपेक प्लस देशों की उत्पादन कटौती के कारण घट गई हैं। ऐसे में लागत बढ़ना उद्योग के लिए डबल झटका होगा।
गैर-इकोनमी टिकटों पर 18% जीएसटी
हवाई यात्रियों को प्रीमियम, बिजनेस और फर्स्ट क्लास टिकटों पर ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ेगा। इन श्रेणियों पर जीएसटी दर 12% से बढ़ाकर 18% कर दी गई है। हालांकि, इकोनमी क्लास (Economy Class) टिकटों पर जीएसटी दर पहले की तरह 5% ही रहेगी।
प्रीमियम इकोनमी की बढ़ती मांग
बढ़ते हवाई यातायात और यात्रियों की सुविधा को देखते हुए एयरलाइंस प्रीमियम सेवाओं का विस्तार करने की सोच रही हैं। हाल के वर्षों में प्रीमियम इकोनमी क्लास सीटों की मांग भी बढ़ी है।विशेषज्ञों का कहना है कि प्रीमियम टिकटों पर ज्यादा जीएसटी लगने से यात्री इकोनमी क्लास की ओर शिफ्ट हो सकते हैं।
किराया बढ़ेगा, कंपनियों को नई रणनीति बनानी होगी
ट्रैवल फर्म काक्स एंड किंग्स के निदेशक करण अग्रवाल के मुताबिक, प्रीमियम किरायों पर अधिक जीएसटी से एयरलाइंस को अपनी प्रीमियम सेवाओं की रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।
GST कब लागू हुआ था?
भारत में, तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, एक टास्क फोर्स के एक समिति की स्थापना के बाद GST 2000 में लागू हुआ.
GST किस पर कितना है?
चार मुख्य GST स्लैब हैं: 5%, 12%, 18%, और 28%. आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं पर कम दरों पर टैक्स लगाया जाता है, जबकि लग्जरी और पाप गुड्स उच्च 28% स्लैब के तहत आते हैं, जिससे संतुलित टैक्सेशन सिस्टम सुनिश्चित होता है.
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