कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamta Banarjee) एक बार फिर भाजपा पर दहाड़ीं हैं। उन्होंने सख्त लहजे में कहा है कि एसआईआर (SIR) के बहाने यदि मुझ पर हमला हुआ तो मैं देशभर में भाजपा की नींव हिलाकर रख दूंगी। बनर्जी ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि एसआईआर के नाम पर उन्हें और बंगाल को ‘टारगेट’ किया जा रहा है।
ममता का BJP पर बड़ा आरोप
नदिया जिले के कृष्णनगर में रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा, अगर मुझ पर हमला करने की कोशिश की गई, तो पूरे देश में बीजेपी (BJP) की नींव हिला दूंगी। ममता ने मतुआ बहुल इलाकों में रैली के दौरान बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया कि उससे जुड़े संगठन नागरिकता के नाम पर फर्जी सर्टिफिकेट बांट रहे हैं, जिनमें लोगों को परोक्ष रूप से बांग्लादेशी बताया जा रहा है।
सीएए और एसआईआर को लेकर ममता का हमला
उन्होंने कहा कि सीएए के तहत अगर कोई खुद को बांग्लादेशी बताकर आवेदन करता है, तो उसे तुरंत वोटर लिस्ट से हटा दिया जाएगा और यह एक बड़ा धोखा है। उनका आरोप है कि एसआईआर का असली उद्देश्य मतुआ और बंगालीभाषी मतदाताओं को डराना है। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि 2024 में जिन लोगों ने वोट डाला वही ‘अवैध’ हैं, तो फिर केंद्र सरकार की वैधता कैसे तय होती है।
BJP का पलटवार—‘घुसपैठियों पर कार्रवाई से परेशान ममता’
बीजेपी ने ममता के आरोपों पर कड़ा पलटवार किया और कहा कि एसआईआर के जरिए घुसपैठियों और फर्जी वोटरों को हटाया जा रहा है, इसी वजह से ममता परेशान हैं। पार्टी नेताओं ने कहा कि ममता सरकार घुसपैठियों के सहारे चलती है और वह वास्तविकता छिपाने के लिए भड़काऊ बयान दे रही हैं।
असली मतदाता का नाम नहीं हटने देंगे: ममता
ममता बनर्जी ने दावा किया कि एसआईआर प्रक्रिया को लेकर राज्य में अब तक 35-36 लोगों की मौतें हो चुकी हैं, जिनमें कई आत्महत्याएं भी शामिल हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि किसी भी हाल में एसआईआर के डर से अपनी जान न दें और आश्वस्त किया कि कोई भी असली मतदाता लिस्ट से नहीं हटेगा।
चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप
उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग एसआईआर को सिर्फ दो महीनों में खत्म कराना चाहता है, जबकि 2002 में यह प्रक्रिया तीन साल चली थी। ममता ने आयोग को ‘बीजेपी कमिशन’ बताते हुए कहा कि वह ‘दिल्ली से मिले निर्देशों’ पर काम कर रहा है।
28 नवंबर को आयोग से मिलेंगे TMC नेता
एसआईआर को लेकर बढ़ते विवाद के बीच चुनाव आयोग ने टीएमसी के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को 28 नवंबर को बैठक का समय दिया है, जिसमें डेरेक ओ’ब्रायन, महुआ मोइत्रा, कल्याण बनर्जी और साकेत गोखले शामिल होंगे। टीएमसी का आरोप है कि 2026 चुनाव से पहले मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर फेरबदल की कोशिश हो रही है।
13.92 लाख फॉर्म ‘अनकलेक्टेबल’: आयोग
चुनाव आयोग ने खुलासा किया है कि एसआईआर के दौरान अब तक 13.92 लाख ऐसे फॉर्म मिले हैं, जिन्हें ‘अनकलेक्टेबल’ माना गया है। इनमें मृत मतदाता, दो जगह नाम, स्थायी रूप से बाहर जा चुके लोग या लंबे समय से घर पर नहीं मिल रहे लोग शामिल हैं। सोमवार तक यह संख्या 10.33 लाख थी, यानी आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है।
बीएलओ पर दबाव के आरोप, तीन की मौत
एसआईआर के लिए राज्य में 80,600 से अधिक बीएलओ, 8,000 सुपरवाइजर, 3,000 एईआरओ और 294 ईआरओ तैनात हैं। इस दौरान तीन बीएलओ की मौत भी हो चुकी है। टीएमसी ने आयोग पर गंभीर लापरवाही और धमकी के आरोप लगाए हैं। ममता ने एक अधिकारी पर बीएलओ को जेल और नौकरी जाने की धमकी देने का आरोप भी लगाया।
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