सहयोग और साझेदारी का नया दौर
नई दिल्ली: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारतीय(India) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई महत्वपूर्ण बैठक के बाद, भारत और रूस ने 16 बड़े समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। विदेश मंत्रालय(Ministry of External Affairs) के अनुसार, यह यात्रा भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी(strategic partnership) की घोषणा की 25वीं वर्षगांठ पर हुई है, जो इसे और भी विशेष बनाती है। इन समझौतों में मुख्य रूप से श्रम गतिविधि, अनियमित प्रवासन, स्वास्थ्य सेवा, खाद्य सुरक्षा, शिपिंग/जलमार्ग, और सीमा शुल्क जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं। यह व्यापक समझौता सूची दोनों देशों के बीच सहयोग के गहरे और बहुआयामी दायरे को दर्शाती है।
शिक्षा, मीडिया और व्यापार में सहयोग का विस्तार
समझौतों में शैक्षणिक और वैज्ञानिक सहयोग पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। इसमें रक्षा उन्नत प्रौद्योगिकी संस्थान (पुणे) और नेशनल टॉम्स्क स्टेट यूनिवर्सिटी के बीच वैज्ञानिक और शैक्षणिक सहयोग शामिल है। इसके अलावा, मीडिया और प्रसारण के क्षेत्र में सहयोग के लिए प्रसार भारती(India) और रूस की कई प्रमुख मीडिया कंपनियों, जैसे गज़प्रोम-मीडिया होल्डिंग, नेशनल मीडिया ग्रुप, और बिग एशिया मीडिया ग्रुप के बीच भी समझौते हुए हैं। आर्थिक मोर्चे पर, दोनों पक्षों ने मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर चर्चा को तेज करने पर सहमति व्यक्त की, जिससे व्यापार घाटे को कम करने और निवेश को बढ़ावा देने के लिए द्विपक्षीय निवेश संधि पर भी जोर दिया गया है।
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वैश्विक और क्षेत्रीय शांति पर एकमत
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि भारत(India) और रूस ने मध्य पूर्व/पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। दोनों देशों ने नागरिकों की सुरक्षा, अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुपालन का आह्वान किया और ऐसी कार्रवाईयों से बचने पर जोर दिया जो क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डाल सकती हैं। उन्होंने ईरान परमाणु मुद्दे को बातचीत से हल करने के महत्व पर बल दिया। इसके अतिरिक्त, गाजा में मानवीय स्थिति पर चिंता व्यक्त की गई और संघर्ष विराम, मानवीय सहायता और स्थायी शांति के लिए सभी संबंधित पक्षों के बीच समझौतों के प्रति प्रतिबद्ध रहने के महत्व को रेखांकित किया गया। संपर्क पहलों, विशेषकर अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (INSTC) पर भी चर्चा हुई, जो आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने और व्यापार घाटे को कम करने के लिए किन दो प्रमुख आर्थिक समझौतों पर चर्चा हुई?
भारत और रूस के बीच यूरेशियन आर्थिक संघ (EAEU) के साथ प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर शीघ्र निष्कर्ष निकालने के लिए चर्चा में तेजी लाने पर सहमति बनी। इसके अलावा, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय निवेश संधि पर भी जोर दिया, जिससे दोनों दिशाओं में निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
मध्य पूर्व की स्थिति के संदर्भ में भारत और रूस ने किन प्रमुख चिंताओं और समाधानों पर अपना रुख स्पष्ट किया?
भारत और रूस ने मध्य पूर्व/पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने ईरान परमाणु मुद्दे को बातचीत के माध्यम से हल करने के महत्व पर बल दिया और गाजा में मानवीय स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए संघर्ष विराम, मानवीय सहायता, और स्थायी शांति के लिए समझौतों के प्रति प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
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