नई दिल्ली। दुबई में 17 से 21 नवंबर तक अंतरराष्ट्रीय एयर शो का आयोजन किया जाएगा। जिसमें भारत की दो तरफा भागीदारी देखने को मिलेगी। एक ओर भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के कुल 9 सूर्यकिरण विमानों की टीम अपने हवाई करतब से एयर शो (Air Show) में अपना जलवा बिखेरेगी। वहीं, दूसरी ओर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी इस बार इस अंतरराष्ट्रीय वैमानिकी शो में शिरकत करेंगे।
शुरुआती दो दिनों में ‘सूर्यकिरण’ दिखाएंगे हवाई करतब
रक्षा सूत्रों ने बताया कि वायुसेना के सूर्यकिरण विमानों की एक टीम एयर शो के शुरुआती दो दिनों 17 से 18 तक इसमें शामिल होगी। जबकि भारत की तरफ से रक्षा मंत्री की भागीदारी भी खासी महत्वपूर्ण रहेगी। हर बार की तरह इस बार भी यह एयर शो दुबई के अल मकतूम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आयोजित किया जाएगा, जिसे दुबई वर्ल्ड सेंट्रल (Dubai world Central) के नाम से भी जाना जाता है।
सूर्यकिरण टीम की खासियत
सूर्यकिरण एयरोबेटिक टीम में शामिल 9 रेड और वाइट हॉक मार्क-132 विमान हैं। एचएएल ने इन्हें लाइसेंस के तहत बनाया है। ये भारत की ही नहीं बल्कि एशिया की नौ विमानों की बेहद निकटता से हवाई करतब दिखाने वाली पहली टीम है। जिसमें इनकी हार्ट, डायमंड, लूप और कॉम्बैट फॉर्मेशन चर्चित हैं।
सारंग हेलीकॉप्टर यूनिट की भूमिका
सारंग की स्थापना 2005 में 151 हेलीकॉप्टर यूनिट (Helicopter Unit) के रूप में की गई थी। यह यूनिट 5 संशोधित ध्रुव हेलीकॉप्टर उड़ाती है और इनका मुख्य तैनात एयरबेस कोयंबटूर के पास सुलूर एयरबेस है।
दुबई एयर शो में भारत की मजबूत उपस्थिति
बीते कुछ सालों से दुबई एयर शो में भारत की एक मजबूत और नियमित उपस्थिति देखने को मिल रही है। यह एक द्विवार्षिक आयोजन है, जो हर दो साल में होता है। 2023 में एयर शो में वायुसेना के दो स्वदेशी हवाई हथियारों और सैन्य उपकरणों ने अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया था। जिसमें एलसीए तेजस, एएलएच ध्रुव और सारंग हेलीकॉप्टरों की टीम शामिल हुई थी।
वैमानिकी और रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भर भारत की झलक
एयर शो में भारत का प्रवेश वैमानिकी और रक्षा तकनीक के मामले में घरेलू स्तर पर बनाए गए हथियारों के जरिए उसकी बढ़ती उन्नति को दर्शाता है। साथ ही यह भारत-संयुक्त अरब अमीरात के द्विपक्षीय और सामरिक संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ बनाने में मददगार है।
2021 में भी बिखेरा था सूर्यकिरण ने जलवा
2021 में भी दुबई एयर शो के दौरान भारत के दोनों सैन्य हथियारों और सूर्यकिरण एयरोबेटिक टीम ने अपनी हवाई कलाबाजियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया था।
तेजस और ध्रुव की खूबियां
तेजस भारत का पहला स्वदेश में निर्मित लड़ाकू विमान है, जिसे एचएएल ने बनाया है। वर्तमान में वायुसेना में इसकी दो स्क्वाड्रन (कुल 36 विमान) तैनात हैं — नंबर 45 (फ्लाइंग डैगर्स) और नंबर 18 (फ्लाइंग बुलेट्स)। वायुसेना की तेजस विमानों की 18 और स्क्वाड्रन खरीदने की योजना है।
ध्रुव भी एचएएल द्वारा निर्मित एक स्वदेशी बहु-भूमिका हेलीकॉप्टर है। इसे वर्ष 2002 में सेवा में शामिल किया गया था और तीनों सेनाएं इसका प्रयोग कर रही हैं।
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