पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू यादव परिवार को (IRCTC) घोटाले में बड़ा झटका लगा है। दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, धारा 120 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) के तहत आरोप तय कर दिए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabdi Devi) और उनके बेटे व पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) के खिलाफ भी धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र के आरोप तय किए गए हैं।
मामला: रांची और पुरी के IRCTC होटलों के टेंडर घोटाले से जुड़ा
यह मामला रांची और पुरी स्थित दो IRCTC होटलों के टेंडर आवंटन में भ्रष्टाचार से जुड़ा है, जब लालू यादव रेल मंत्री थे। अदालत ने तीनों आरोपितों से पूछा कि क्या वे खुद को दोषी मानते हैं या मुकदमे का सामना करेंगे। तीनों आरोपितों ने खुद को दोषी मानने से इंकार किया और कहा कि वे मुकदमे का सामना करेंगे और इसे चुनौती देंगे।
अदालत की कार्रवाई और तारीखें
इस मामले में अदालत ने 29 मई को निर्णय सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद 24 सितंबर को विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव सहित अन्य आरोपितों को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया।
चुनावी असर और केस का इतिहास
बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह निर्णय महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि चुनाव में राजनीतिक समीकरण पर असर पड़ सकता है। मामला 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री के रूप में लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल के दौरान IRCTC होटलों के रखरखाव के ठेकों के आवंटन में भ्रष्टाचार से संबंधित है।
आरोपितों की संख्या और ठेका विवरण
इस मामले में कुल 14 आरोपित हैं। आरोप है कि दो होटलों के रखरखाव के ठेके विजय व विनय कोचर की निजी फर्म सुजाता होटल को दिए गए थे।
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