राष्ट्रीय राजमार्ग-33 (NH-33) के अरवल से नालंदा (Nalanda) तक की सड़क को चार लेन में विकसित करने के लिए केंद्र सरकार ने अपनी मंजूरी दे दी है। इसके लिए केंद्र सरकार ने 2300 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। यह परियोजना अरवल, जहानाबाद और नालंदा जिलों की कनेक्टिविटी को बढ़ाएगी।
केंद्र सरकार ने दक्षिण बिहार को लेकर एक बड़ी सौगात दी है। केंद्र सरकार के इस नए सौगात से जहानाबाद से अरवल और नालंदा (Arwal Bihar Sharif highway) आना- जाना आसान हो जायेगा। दरअसल, केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-33 (NH-33) के अरवल से बिहार शरीफ तक के खंड को फोर लेन के रूप में विकसित करने के प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी है। इसके निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने 2300 करोड़ रुपये की अपनी मंजूरी दे दी है।
सड़कों की कनेक्टिविटी बढ़ेगी
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-33 के फोर लेन बनने के बाद यह सड़क कई महत्वपूर्ण राजमार्गों से भी जुड़ जाएगा। करीब 90 किलोमीटर लंबी इस प्रस्तावित एनएच -33 पटना-औरंगाबाद फोर लेन, पटना-गया फोर लेन, और बख्तियारपुर-रजौली फोर लेन को आपस में जोड़ेगा। इन शहरों की यात्रा करना आसान हो जायेगा। जिससे दिल्ली से कोलकाता तक एक नया, तेज और सुरक्षित वैकल्पिक मार्ग तैयार हो जाएगा।
इन शहरों की दूरी हो जायेगी कम
इसके साथ साथ यह आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे से भी जुड़ेगा, जिससे दिल्ली से कोलकाता तक एक नया, तेज और सुरक्षित वैकल्पिक मार्ग तैयार हो जाएगा। बिहार सरकार ने इस नए एनएच के विस्तार के लिए पहले से ही भूमि अधिग्रहण हेतु 600 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी थी। अब केंद्र की स्वीकृति के बाद यह सपना जल्द ही साकार हो जायेगा। इसके निर्माण से अरवल, जहानाबाद और एकंगरसराय से गुजरने वाले भारी वाहनों का दबाव कम होगा। इसके साथ ही लोगों को जाम से मुक्ति मिलेगी।
पर्यटन और अंतरराष्ट्रीय पहुंच को मिलेगा बढ़ावा
इस फोर लेन के बनने से राजगीर, सुल्तानगंज और भागलपुर जैसे ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों तक का सफर भी आसान हो जायेगा। नालंदा विश्वविद्यालय और विश्व धरोहर स्थलों आने वाले अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों और शोधकर्ताओं को बेहतर सुविधाएं मिलेगी। इससे स्थानीय पर्यटन, रोजगार और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
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