नई दिल्ली। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश (Jayram Ramesh) ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पर तीखा हमला किया है। रमेश ने ट्रंप की नीतियों और भारत के प्रति उनके रुख पर सवाल उठाते हुए मोदी सरकार की विदेश नीति पर भी सवाल खड़े किए।
ट्रंप के फैसलों पर तीखी टिप्पणी
जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पोस्ट में ट्रंप के कई फैसलों और बयानों का उल्लेख किया, जिन्हें उन्होंने भारत के हितों के खिलाफ बताया। रमेश के मुताबिक़:
- ट्रंप ने चार अलग-अलग देशों में, जिनमें संयुक्त राष्ट्र भी शामिल है, 45 बार दावा किया कि भारत-पाक युद्धविराम का श्रेय उन्हें जाता है।
- इसी वजह से भारत का ऑपरेशन सिंदूर अचानक रोक दिया गया।
- पाकिस्तान के आर्मी चीफ़ फ़ील्ड मार्शल आसिम मुनीर को व्हाइट हाउस में लंच पर बुलाया गया, जिनके भड़काऊ बयानों के बाद पहलगाम आतंकी हमला हुआ था।
- ट्रंप ने अमेरिका-पाकिस्तान आर्थिक साझेदारी को मज़बूत करने और सऊदी-पाक रणनीतिक समझौते को मंजूरी देने की बात कही।
व्यापार और वीज़ा नीतियों पर आलोचना
रमेश ने कहा कि ट्रंप ने भारत से अमेरिका को होने वाले निर्यात पर दंडात्मक टैरिफ लगाए और एच-1बी वीज़ा व्यवस्था को अस्त-व्यस्त कर दिया। इसके अलावा, उन्होंने रूस के साथ भारत के आर्थिक संबंधों को लेकर भी भारत को निशाना बनाया।
मोदी की विदेश नीति पर तंज
रमेश ने मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान आयोजित आयोजनों पर सवाल उठाते हुए कहा:
“नमस्ते ट्रंप का क्या हुआ? हाउडी मोदी का क्या हुआ? झप्पी कूटनीति का क्या हुआ? दोस्त दोस्त न रहा।”
कांग्रेस नेता ने इस बयान के जरिए मोदी सरकार की अमेरिका के साथ बढ़ती नज़दीकियों और रणनीतिक साझेदारी पर भी सवाल खड़े किए।
भारत-अमेरिका संबंधों में हाल का तनाव
जयराम रमेश का बयान ऐसे समय आया है जब भारत-अमेरिका संबंधों में कुछ महीनों से तनाव देखने को मिल रहा है। विशेषकर व्यापार और रक्षा सहयोग के मामलों में ट्रंप के फैसले और बयानों को भारत में नकारात्मक रूप से देखा जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय
विश्लेषकों का मानना है कि जयराम रमेश का यह हमला न केवल ट्रंप प्रशासन की नीतियों पर है, बल्कि मोदी सरकार की विदेश नीति पर भी सवाल उठाता है, जिसने अमेरिका के साथ रिश्तों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक ले जाने का दावा किया था।
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