मुस्लिम समाज: भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच बिहार के सीमावर्ती जिले किशनगंज में मुस्लिम समुदाय ने भारतीय सेना के लिए खुलकर समर्थन जताया। शुक्रवार, 9 मई 2025 को चूड़ीपट्टी स्थित मदनी जामा मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद विशेष दुआ का आयोजन किया गया।
नमाजियों ने देश के वीर जवानों की सलामती के लिए हाथ उठाए और आतंकवाद के विरुद्ध हिंदुस्तान की कार्रवाई को सही करार दिया।
‘वतन से बढ़कर कुछ नहीं’ – नमाजियों की आवाज़
नमाज के बाद मस्जिद से बाहर निकलते वक्त लोगों ने भारत विरोधी तत्वों की निंदा की और पाकिस्तान के आतंकी रवैये के विरुद्ध नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा:
“इस्लाम अमन, इंसानियत और वतन से वफादारी की सीख देता है। देश की एकता, अखंडता और शांति सर्वोपरि है।”
लोगों ने यहां तक कहा कि पाकिस्तान को सबक सिखाने का वक्त आ गया है। आतंकी राष्ट्र की सच्चाई अब दुनिया के सामने आ चुकी है।
मुस्लिम समाज का जुलूस और एकता का संदेश
जुमे की नमाज के बाद किशनगंज में मुस्लिम समाज द्वारा एक शांतिपूर्ण जुलूस भी निकाला गया, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोग सम्मिलित हुए। जुलूस में देशप्रेम और हिंदुस्तान की एकता को लेकर नारे लगाए गए।
युवाओं का कहना था,
“पाकिस्तान की हरकत अब और बर्दाश्त नहीं की जा सकती। ये आर-पार की लड़ाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य की पीढ़ियां सुकून से रह सकें।”
सीमा सुरक्षा और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की कामयाबी
किशनगंज, जो कि हिंदुस्तान-बांग्लादेश-नेपाल सीमा से सटा जिला है, वहां सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्कता बढ़ा दी है। सेना, पुलिस और बीएसएफ के जवान लगातार गश्त कर रहे हैं। हाल ही में भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर पाकिस्तान और पीओके के 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया, जिससे देशभर में राहत और गर्व की भावना देखी गई।