इंदौर/ग्वालियर । मध्य प्रदेश लोकायुक्त की टीम ने रिटायर्ड आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के इंदौर और ग्वालियर स्थित आठ ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। कार्रवाई गोपनीय शिकायत के आधार पर की गई, जिसमें आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप लगे थे। प्रारंभिक जांच में करीब 8 करोड़ रुपये (Eight Crore Rupess) की अघोषित संपत्ति और निवेश के दस्तावेज सामने आए, जबकि अधिकारी की वैध आय मात्र 2 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
छापेमारी के दौरान मिली संपत्ति
लोकायुक्त टीम ने इंदौर के कैलाश कुंज (Kailash Kunj) बिजनेस स्काई पार्क, अवि ग्रीन और काउंटी वॉक कॉलोनी, तथा ग्वालियर के इंद्रमणि नगर (Indramani Nagar) में तलाशी ली। बरामद सामग्री में शामिल हैं:
- 1.5 किलो सोने की बार
- 1 किलो सोने के गहने
- 4 किलो चांदी के जेवरात
- ₹75 लाख नकद
- महंगी घड़ियां, परफ्यूम और साड़ियां
- एक रिवॉल्वर और एक रायफल
- 5,000 यूरो (500 यूरो के 10 नोट)
- दो फ्लैट, एक निर्माणाधीन बंगला और कई बीघा कृषि भूमि
- विभिन्न बैंकों में पांच लॉकर और कई खाते
फिल्म प्रोडक्शन में निवेश
जांच में यह भी सामने आया है कि भदौरिया ने अपने बेटे सूर्यांश और बेटी अपूर्वा के जरिए फिल्म प्रोडक्शन में निवेश किया था। वहीं, गुजरात में सक्रिय उनके समधी ए.के. सिंह का नाम अवैध शराब कारोबार से जुड़ा बताया जा रहा है।
अधिकारी का करियर और विवाद
- भदौरिया ने 1987 में आबकारी विभाग में भर्ती होकर अगस्त 2025 में रिटायर हुए।
- 2020 में शराब ठेका नीलामी में लापरवाही के आरोप में वे निलंबित भी हो चुके थे।
- लोकायुक्त डीएसपी सुनील तालान के अनुसार, अब तक मिली संपत्ति भदौरिया की वैध आय से कई गुना अधिक है और जांच जारी है।
- यह मामला आय से 300% अधिक संपत्ति का है, जिसका आंकड़ा आगे और बढ़ सकता है।
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