नई दिल्ली । भारतीय रक्षा विज्ञान और एयरोस्पेस तकनीक में बड़ा कदम : (तेजस MK-1A) ने अपने नए अपग्रेड के साथ लड़ाकू क्षमता में नया मुकाम हासिल कर लिया है। भारतीय वायुसेना के लिए विकसित यह स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट अब 40 से ज्यादा महत्वपूर्ण अपडेट्स के साथ एफ-16 जैसे विदेशी विमानों को टक्कर देने की काबिलियत रखता है।
40 अपडेट के साथ उन्नत युद्धक क्षमता
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तेजस MK-1A में 40 तकनीकी सुधार और उन्नयन किए गए हैं।
इनमें शामिल हैं :
- अत्याधुनिक एवियोनिक्स और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम
- आधुनिक रडार प्रणाली
- विभिन्न प्रकार की घातक मिसाइलों का इंटीग्रेशन
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने इसके वेपन इंटीग्रेशन और टेस्टिंग को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। ट्रायल्स में शामिल मिसाइलें हैं:
- अस्त्र मिसाइल (लॉन्ग रेंज एयर-टू-एयर)
- एडवांस्ड शॉर्ट रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (ASRAAM)
आधुनिक रडार और फायर कंट्रोल सिस्टम
तेजस MK-1A में इजराइली मूल का रडार (Radar) लगाया गया है, जो युद्धक परिस्थितियों में लक्ष्य पहचान, इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग से सुरक्षा और सटीक मिसाइल गाइडेंस सुनिश्चित करता है। परीक्षणों के दौरान रडार और फायर कंट्रोल कंप्यूटर के बीच समन्वय की पुष्टि की गई, जिससे लक्ष्य भेद्यता और युद्धक सटीकता बढ़ी।
एफ-16 से बेहतर और अधिक घातक
तेजस MK-1A को 4.5वीं पीढ़ी का फाइटर जेट माना जा रहा है।
इसमें:
- अत्याधुनिक रडार सिस्टम
- अधिक मारक क्षमता वाली मिसाइलें
- मल्टी-रोल ऑपरेशन की क्षमता
जैसे फीचर्स हैं।
भारतीय वायुसेना इसे एफ-16 जैसे विदेशी विमानों से कहीं ज्यादा उन्नत और घातक मानती है। यह विमान न केवल वायु रक्षा, बल्कि सटीक हमले और मिसाइल इंटीग्रेशन में भी अहम भूमिका निभाएगा।
आधुनिक भारतीय वायुसेना के लिए रणनीतिक कदम
यह विकास ऐसे समय में हुआ है जब भारत अपनी स्क्वाड्रन स्ट्रेंथ बढ़ाने और वायु रक्षा ढांचे के आधुनिकीकरण पर तेजी से काम कर रहा है। तेजस MK-1A के सफल परीक्षण और अपडेट्स भारतीय वायुसेना में जल्द शामिल होने के संकेत देते हैं।
Read More :