नई दिल्ली । भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए टिकट बुकिंग (Ticket Booking) के कई महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव किए हैं। ये बदलाव 2025 से लागू हो रहे हैं और इसमें लोअर बर्थ आवंटन की नई प्रणाली, रिजर्व्ड कोचों में सोने का निर्धारित समय और अग्रिम आरक्षण अवधि (एडवांस रिजर्वेशन पीरियड- एआरपी) में कटौती शामिल है। रेलवे का उद्देश्य डिजिटल बुकिंग को सरल बनाना और यात्रियों की शिकायतों को कम करना है।
रेलवन सुपर ऐप: एक प्लेटफॉर्म पर सभी सुविधाएं
रेलवे ने इस साल रेलवन सुपर ऐप (Railvan Super App) लॉन्च किया है, जो आरक्षित और अनारक्षित दोनों तरह के टिकट बुकिंग की सुविधा देता है। इसके जरिए पीएनआर स्टेटस, ट्रेन ट्रैकिंग, भोजन ऑर्डर और अन्य सेवाएं भी उपलब्ध हैं।
लोअर बर्थ आवंटन की नई प्रणाली
ऑनलाइन बुकिंग में लोअर बर्थ की समस्या को दूर करने के लिए रेलवे ने नई व्यवस्था लागू की है।
- वरिष्ठ नागरिकों, 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं और गर्भवती महिलाओं को प्राथमिकता।
- यदि बुकिंग के समय लोअर बर्थ उपलब्ध न हो, तो यात्रा के दौरान खाली होने पर टीटीई उसे आवंटित कर सकता है।
नया विकल्प: ‘Book Only If Lower Berth is Available’
अब यात्री चाहें तो यह विकल्प चुन सकते हैं कि टिकट तभी कन्फर्म हो जब लोअर बर्थ उपलब्ध हो, अन्यथा बुकिंग नहीं होगी। यह खासतौर पर बुजुर्गों और स्वास्थ्य कारणों से बर्थ बदल न पाने वाले यात्रियों के लिए उपयोगी है।
सोने और बैठने के नियम हुए स्पष्ट
रिजर्व्ड कोचों में सोने-बैठने की समयसीमा तय की गई है:
- रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक सोने का समय।
- दिन में सभी यात्री सीट पर बैठ सकते हैं।
- RAC यात्री साइड लोअर बर्थ साझा करेंगे, लेकिन रात में पूरा अधिकार लोअर बर्थ वाले यात्री का होगा।
टिकट बुकिंग नियम में बड़ा बदलाव : ARP हुआ 120 से 60 दिन
सबसे बड़ा बदलाव अग्रिम आरक्षण अवधि (ARP) में किया गया है।
- पहले टिकट 120 दिन पहले तक बुक हो जाते थे।
- अब यह घटाकर 60 दिन कर दिया गया है, ताकि कैंसिलेशन और ब्लैक मार्केटिंग कम हो।
यात्री होंगे अधिक सशक्त और यात्रा होगी आसान
रेलवे के ये नए नियम यात्रा को पारदर्शी, सुविधाजनक और यात्रियों की जरूरतों के अनुरूप बनाने की दिशा में बड़ा कदम हैं। सही विकल्प चुनकर आप अपनी यात्रा को और आरामदायक बना सकते हैं।
भारत का रेलवे मालिक कौन है?
भारतीय रेलवे एक राज्य के स्वामित्व वाला उद्यम है जो भारत सरकार के रेल मंत्रालय के एक विभागीय उपक्रम के रूप में संगठित है। यह रेलवे बोर्ड द्वारा शासित है, जो रेल मंत्रालय की ओर से कार्य करता है।
भारत में कुल कितने रेलवे ज़ोन हैं?
भारत में कुल 18 रेलवे ज़ोन हैं, जिनमें से प्रत्येक एक विशिष्ट क्षेत्र के लिए जिम्मेदार है। भारतीय रेलवे को परिचालन को सुव्यवस्थित करने के लिए इन ज़ोन में विभाजित किया गया है, और प्रत्येक ज़ोन को आगे कई डिवीजनों में विभाजित किया गया है।
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