लखनऊ : राजधानी लखनऊ में शनिवार को आत्मनिर्भर भारत का एक नया अध्याय लिखा गया, जब ब्रह्मोस एयरोस्पेस लिमिटेड की लखनऊ इकाई में उत्पादित सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइलों के पहले बैच का फ्लैग ऑफ केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ( Rajnath Singh) और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने किया। भारत माता की जय के जयघोष के बीच जब मिसाइलों का पहला जत्था रवाना हुआ तो समारोह गर्व, गौरव और देशभक्ति से गूंज उठा।
लखनऊ में बनी मिसाइल पूरे देशवासियों की सुरक्षा और समृद्धि की गारंटी : योगी आदित्यनाथ
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल केवल भारत की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में अपने मित्र देशों की रक्षा करने का सबसे सक्षम हथियार है। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के प्रयास से ब्रह्मोस लखनऊ में विकसित हुआ है, जो देश की खुशहाली का माध्यम बना है। जब व्यक्ति सुरक्षित रहता है, तभी चैन की नींद सोता है। लखनऊ में बनी मिसाइल पूरे देशवासियों की सुरक्षा और समृद्धि की गारंटी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ संकल्प को साकार करने का यह क्षण प्रफुल्लित करने वाला
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ संकल्प को साकार करने का यह क्षण प्रफुल्लित करने वाला है। उन्होंने कहा कि यह मिसाइल न केवल भारत की सुरक्षा सुनिश्चित करती है, बल्कि दुनिया में अपने मित्र देशों की रक्षा करने का सबसे सक्षम हथियार भी है। ब्रह्मोस के माध्यम से भारत अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ मित्र राष्ट्रों की सुरक्षा जरूरतों को भी पूरा करने में सक्षम हो गया है। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।

देश की सुरक्षा और रोजगार दोनों की पूर्ति कर रहा है उत्तर प्रदेश : सीएम
उन्होंने कहा कि ब्रह्मोस केंद्र में आईटीआई, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग डिग्रीधारक युवा काम कर रहे हैं, जो देश की सुरक्षा और रोजगार दोनों की पूर्ति कर रहे हैं। यह आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला है। सीएम योगी ने बताया कि राज्य सरकार आईआईटी कानपुर और आईआईटी बीएचयू के साथ मिलकर दो सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित कर रही है, जिससे डिफेंस टेक्नोलॉजी और इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह लखनऊ की भूमि अब राष्ट्र रक्षा, उद्योग, रोजगार और विकास के चारों आयामों को एक साथ साध रही है। यही उत्तर प्रदेश के बदलते चेहरे और आत्मनिर्भर भारत की पहचान है।
फ्लैग ऑफ सेरेमनी के साथ विभिन्न कार्यक्रमों का हुआ आयोजन
कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री ने बूस्टर भवन का उद्घाटन भी किया, जो ब्रह्मोस प्रोजेक्ट की क्षमता विस्तार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही दोनों ने बूस्टर डॉकिंग प्रक्रिया का प्रदर्शन भी देखा। इसी क्रम में एयरफ्रेम और एवियोनिक्स, वारहेड भवन में पीडीआई (प्री डिस्पैच इंस्पेक्शन) तथा ब्रह्मोस सिम्युलेटर उपकरणों का प्रेजेंटेशन भी दिखाया गया। इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिसर में ही रुद्राक्ष के पौधे का वृक्षारोपण भी किया। इस दौरान स्टोरेज ट्रॉली प्रदर्शन और मोबाइल ऑटोनमस लॉन्चर का प्रदर्शन भी हुआ। कार्यक्रम के दौरान डीजी (ब्रह्मोस) डॉ. जयतीर्थ आर. जोशी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक चेक और जीएसटी बिल सौंपा।
भारत के पास कितनी ब्रह्मोस मिसाइल है?
हज़ार से अधिक ब्रह्मोस मिसाइलें भारत के पास मौजूद हो सकती हैं।
ब्रह्मोस मिसाइल किसने बनाई थी?
ब्रह्मोस मिसाइल एक भारत और रूस की संयुक्त परियोजना (Joint Venture) है।
- इसे बनाया गया है “BrahMos Aerospace” नामक कंपनी द्वारा, जो भारत के DRDO (Defence Research and Development Organisation) और रूस के NPOM (NPO Mashinostroyenia) का संयुक्त उद्यम है।
“ब्रह्मोस” नाम दो नदियों के नाम पर रखा गया है:
- ब्रह्मपुत्र (भारत) + मॉस्कवा (रूस) = ब्रह्मोस (BrahMos)
ब्रह्मोस मिसाइल की कीमत क्या है?
ब्रह्मोस मिसाइल की कीमत वर्ज़न, कॉन्फ़िगरेशन और ऑर्डर साइज के अनुसार अलग-अलग होती है:
वर्ज़न | अनुमानित कीमत (प्रति यूनिट) |
---|---|
जमीन से जमीन (Land) | ₹20–25 करोड़ INR |
समुद्र आधारित (Naval) | ₹25–30 करोड़ INR |
हवा से जमीन (Air-Launched) | ₹30–35 करोड़ INR (या अधिक) |
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