जौनपुर । अखिल भारतीय सर्ववर्गीय जायसवाल महासभा (Jaiswal Mahasabha) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मदन लाल जायसवाल (Gujarat) ने कहा कि लगभग 55 करोड़ की लागत से गुजरात में जायसवाल भवन अहमदाबाद का निर्माण कराया गया है। इसके लिये समाज के लोगों से पांच रुपये का कोई शुल्क नहीं लिया गया है। फरवरी 2026 में यह पूर्ण रूप से तैयार हो जायेगा जो समाज हित के कार्यों के लिये समाज को सौंप दिया जायेगा।
पाल्हनपुर, देवाश में भी जायसवाल समाज का भवन : मदन लाल जायसवाल
यूपी के जौनपुर जनपद पहुंचे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि पाल्हनपुर, देवाश में भी जायसवाल समाज का भवन तैयार किया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि हर राज्य में समाज के कम से कम 5 भवन हों, ताकि समाज के बेटे-बेटियों के विवाह के लिये काम आ सके। 20 वर्षों से हम समाज के लिये सामूहिक विवाह का आयोजन कर रहे हैं जिसमें 101 विवाह, 72 विवाह, 63 विवाह, 84 विवाह, 115 विवाह कराया जा चुका है। आगामी 23 जनवरी 2026 को मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में 101 सामूहिक विवाह का आयोजन तय है। जौनपुर के वरिष्ठ पत्रकार एवं महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता/मीडिया प्रभारी रामजी जायसवाल के शेषपुर स्थित आवास पर पत्रकारों से वार्ता करते हुये उन्होंने कहा कि समाज की तरक्की के लिए शिक्षा आवश्यक है।

राजनीति ही समाज को आगे बढ़ाने में सक्षम
श्री जायसवाल ने समाज का आह्वान करते हुये कहा कि हम चाहते हैं कि समाज के लोग एक- दूसरे से जुड़ें। सभी लोग मिलकर समाज को आगे लेकर चलें। समाज के अन्दर जो भी भाई-बहन राजनीति में हैं, उनसे मेरा निवेदन है कि वह जिस भी पार्टी में हैं, समाज के लोगों को जोड़ने एवं समाज को आगे लेकर चलने का काम करें, क्योंकि राजनीति में अपने समाज का एक व्यक्ति आयेगा तो समाज हमारा और मजबूत होगा। राजनीति ही समाज को आगे बढ़ाने में सक्षम रहती है, क्योंकि राजनीति से बहुत सारे काम हो जाते हैं। हम चाहते भी है कि राजनीति में भी हमारे बच्चे आगे बढ़ें। राष्ट्रीय अध्यक्ष कहा कि हमें हर्ष हो रहा है कि अंतिम 10 वर्षों में आईएएस एवं आईपीएस की सूची में जायसवाल समाज के 5-7 बच्चों का भी नाम होता है।
आईएएस-आईपीएस की तैयारी के लिये अहमदाबाद में भी कोचिंग
उन्होंने कहा कि समाज के बच्चों में जागरुकता लाने के लिये आईएएस-आईपीएस की तैयारी के लिये अहमदाबाद में क्लास भी चलायेंगे। इतना ही नहीं, जगह-जगह भी ऐसे क्लास चलाये जायेंगे तथा जो भी कमजोर वर्ग के लोग हैं, हम सब समाज के लोग मिलकर उनकी मदद करेंगे।
इसके पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष के जनपद आगमन पर उनका जोरदार स्वागत किया गया जिसका नेतृत्व महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता रामजी जायसवाल ने किया। इस अवसर पर राज्यमंत्री गिरीश चन्द्र यादव के पीआरओ इं. कृष्ण कुमार जायसवाल मुन्नू, सपा नेता श्रवण जायसवाल, जायसवाल समाज के अगुवा सर्वेश जायसवाल, श्री लक्ष्मी पूजा महासमिति के अध्यक्ष कृष्ण कुमार जायसवाल, ध्रुव जायसवाल, अंकित जायसवाल, शुभांशू जायसवाल, दीपक जायसवाल, तेजस जायसवाल, राजेश, अमन, वैभव, किशन सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
जायसवाल कौन बिरादरी के होते हैं?
जायसवाल (या जेसवाल) सामान्यतः बनिया/वैश्य समुदाय से जुड़े माने जाते हैं।
कई स्थानों पर इन्हें अग्रोहा/अग्रवाल श्रेणी, वैश्य/वैश्य-जैसवाल, या कलवार/कलार समुदाय से भी जोड़ा जाता है।
यह क्षेत्र और परिवार की परंपरा पर निर्भर करता है, इसलिए भारत के अलग-अलग प्रदेशों में इनकी सामाजिक पहचान थोड़ा बदल सकती है।
Jaiswal ke Purvaj kaun hai?
इसके बारे में विभिन्न परंपराएँ हैं—
(A) व्यापारी/वैश्य परंपरा अनुसार:
जायसवाल लोग वैश्य (बनिया) परंपरा के माने जाते हैं, जिनके पूर्वज उत्तर भारत के व्यापारी वर्ग से जुड़े बताए जाते हैं।
(B) ‘जयसवाल’ नाम की उत्पत्ति:
एक मान्यता यह भी है कि “जायसवाल/जेसवाल” नाम “जयस” या “जैस” नामक स्थान (उत्तर भारत के पुराने नगर) से निकला, और वहाँ रहने वालों को आगे चलकर जायसवाल कहा गया।
(C) कुछ क्षेत्रों में:
कई राज्यों में जायसवाल समुदाय को कलवार/कलार समुदाय की शाखा भी माना जाता है, जो प्राचीन काल में व्यापार और मदिरा-निर्माण से जुड़े थे।
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