कोलकाता,। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में तृणमूल कांग्रेस (Trinmul Congress) से निलंबित विधायक हुमायूँ कबीर ने 6 दिसंबर को एक नई बाबरी मस्जिद (New Babri Masjid) का शिलान्यास कर देशभर में नई बहस छेड़ दी। यह वही तारीख है जब 1992 में अयोध्या की विवादित बाबरी ढांचा ढहा दिया गया था। इस तारीख के चयन को कई लोग उकसावे की कार्रवाई बता रहे हैं, जबकि कबीर इसे अपना संवैधानिक अधिकार बताते हैं।
‘बाबर का महिमामंडन करने वाले देश के गद्दार’
इस घटना पर योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने सबसे तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बिना नाम लिए कबीर पर निशाना साधते हुए कहा—
“बाबर इस देश का नहीं था। जो लोग उसका गुणगान करते हैं, वे भारत के गद्दार हैं। 6 दिसंबर गुलामी के प्रतीकों को खत्म करने का दिन है। भारत अब किसी विदेशी आक्रमणकारी का महिमामंडन बर्दाश्त नहीं करेगा।”
रामदेव ने कहा कि भारत का इतिहास महाराणा प्रताप, शिवाजी, भगत सिंह और सनातन संस्कृति से जुड़ा है, न कि बाबर जैसे विदेशी लुटेरों से। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे इस्लाम या मुसलमानों के खिलाफ नहीं, बल्कि एक विदेशी आक्रांता के महिमामंडन के खिलाफ हैं।
कबीर का पलटवार- ‘संविधान मुझे मस्जिद बनाने का अधिकार देता है’
दूसरी ओर हुमायूँ कबीर ने अपने कदम का मजबूती से बचाव किया। उन्होंने कहा—
“कोई मंदिर बना सकता है, कोई चर्च बना सकता है, तो मैं मस्जिद क्यों नहीं बना सकता? संविधान मुझे पूरा अधिकार देता है।”
उन्होंने दावा किया कि उन पर दर्ज पांच आपराधिक मामले उन्हें मस्जिद निर्माण से नहीं रोक पाएंगे। कबीर के अनुसार, प्रस्तावित ‘नई बाबरी मस्जिद’ की लागत लगभग 300 करोड़ रुपये होगी और इसके साथ एक अस्पताल, अतिथि गृह और सभा भवन भी बनाया जाएगा।
6 दिसंबर पर शिलान्यास को लेकर बढ़ा राजनीतिक तापमान
इस पूरे प्रकरण ने देश में फिर से धार्मिक स्थलों, इतिहास और संवैधानिक अधिकारों की बहस को तेज कर दिया है। एक पक्ष इसे जानबूझकर उकसावा बता रहा है, जबकि दूसरा पक्ष इसे धार्मिक स्वतंत्रता का सवाल मान रहा है।
टीएमसी ने बनाई दूरी
पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पहले ही हुमायूँ कबीर को पार्टी से निलंबित कर चुकी है।
यह साफ संकेत है कि ममता बनर्जी की पार्टी इस विवाद से दूरी बनाए रखना चाहती है।
बाबा रामदेव की दिनचर्या क्या है?’
मैं हर सुबह एक घंटा ध्यान करता हूँ ‘इसके तुरंत बाद, मैं नहाता हूँ और फिर रोज़ सुबह एक घंटा ध्यान करता हूँ,” उन्होंने हिंदी में बताया। जब उनसे पूछा गया कि क्या वे कभी अपने सादा शाकाहारी भोजन से परहेज़ करते हैं, तो बाबा रामदेव ने कहा, “कभी नहीं।” उन्होंने उन योगासनों के बारे में भी बताया जो सभी को करने चाहिए: “लोगों को कपालभाति और अनुलोम विलोम ज़रूर करना चाहिए।
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