नई दिल्ली: देश के नए उपराष्ट्रपति के चयन को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सियासी हलचल तेज हो गई है। 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) और एनडीए (NDA) के भीतर नाम तय करने की कवायद अंतिम चरण में पहुंच गई है। आज यानी 12 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा मिलकर एनडीए उम्मीदवार के नाम पर मुहर लगा सकते हैं।
हाल ही में हुई एक महत्वपूर्ण एनडीए बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार के चयन की जिम्मेदारी पीएम मोदी और जेपी नड्डा को सौंपी जाए। बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, शिवसेना नेता श्रीकांत शिंदे, लोजपा प्रमुख चिराग पासवान, टीडीपी से लवू कृष्ण देवरायलु, और आरपीआई नेता रामदास अठावले जैसे प्रमुख नेता शामिल रहे।
सभी सहयोगी देंगे समर्थन
बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरें रिजिजू (Kiren Rijiju) ने मीडिया को जानकारी दी कि प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष जो नाम तय करेंगे, एनडीए के सभी घटक दल उस उम्मीदवार को समर्थन देंगे। वहीं महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि बीजेपी द्वारा चुने गए उम्मीदवार को वो बिना शर्त समर्थन देंगे।
धनखड़ के इस्तीफे से उपजा चुनाव
गौरतलब है कि मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस अप्रत्याशित कदम ने राजनीतिक गलियारों में कई सवाल और अटकलें खड़ी कर दी थीं। कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि इस्तीफे के पीछे सरकार के साथ तनावपूर्ण संबंध एक बड़ी वजह रहे।
क्या इस बार भी जाट चेहरा मैदान में?
बीजेपी के रणनीतिकारों के बीच यह चर्चा जोरों पर है कि पार्टी एक बार फिर जाट समुदाय से जुड़े नेता को मैदान में उतार सकती है। पूर्व उपराष्ट्रपति धनखड़ राजस्थान के जाट थे, और अब पार्टी की नजरें हरियाणा के मौजूदा राज्यपाल आचार्य देवव्रत पर टिकी हैं, जो जाट समुदाय से आते हैं। यह समुदाय उत्तर भारत में बीजेपी का महत्वपूर्ण वोटबैंक माना जाता है। हालांकि, अभी तक किसी नाम की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
चुनाव की तारीख और प्रक्रिया
- चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव की घोषणा 1 अगस्त को कर दी थी।
- 7 अगस्त: अधिसूचना जारी
- 21 अगस्त: नामांकन की अंतिम तिथि
- 22 अगस्त: नामांकन पत्रों की जांच
- 9 सितंबर: मतदान और नतीजों की घोषणा उसी दिन
उपराष्ट्रपति का वेतन कितना होता है?
उपराष्ट्रपति का मासिक वेतन ₹4 लाख होता है, और इसके अतिरिक्त उन्हें कई भत्ते भी मिलते हैं media reports suggest. उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति भी होते हैं, इसलिए उन्हें यह वेतन राज्यसभा के सभापति के रूप में मिलता है.
उपराष्ट्रपति को कौन शपथ दिलाता है?
भारत के उपराष्ट्रपति को पद और गोपनीयता की शपथ भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिलाई जाती है.
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