केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे लोकार्पण
भारत के लोकतांत्रिक इतिहास की सबसे विवादास्पद अवधि – आपातकाल – पर केंद्रित नई किताब ‘द इमरजेंसी डायरीज’ का आज औपचारिक विमोचन होने जा रहा है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह प्रमुख अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे।
पीएम मोदी (PM Modi ) ने कहा, द इमरजेंसी डायरीज आपातकाल (Emergency) के वर्षों के दौरान मेरी यात्रा का वृत्तांत है. मैं उन सभी लोगों से यह अनुरोध करता हूं आपातकाल के उन काले दिनों को जो लोग याद करते हैं या जिनके परिवारों ने उस दौरान कष्ट झेले हैं कि वे अपने अनुभवों को सोशल मीडिया पर साझा करें।
1975 की घटनाओं को समेटती है यह किताब
25 जून 1975 को देश में आपातकाल की घोषणा की गई थी, जिसे भारतीय लोकतंत्र पर एक अघोषित हमला माना जाता है। किताब ‘द इमरजेंसी डायरीज’ इस काले दौर की भयावह सच्चाइयों को उजागर करती है, जिसमें नागरिक अधिकारों का हनन, सेंसरशिप और राजनीतिक दमन चरम पर था।
देश में आपातकाल थोपे जाने के आज 50 साल पूरे हो गए. पीएम नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाया. पीएम मोदी ने कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र के इतिहास के सबसे अंधकारमय अध्याय में से एक है. साथ ही उन्होंने एक किताब का जिक्र किया जिसमें आपातकाल के दौरान उनके संघर्ष और यात्रा का जिक्र किया गया है।
ब्लूक्राफ्ट आपातकाल को लेकर एक नई किताब ‘द इमरजेंसी डायरीज – इयर्स दैट फोर्ज्ड ए लीडर’ लेकर आ रहा है. इस किताब में आपातकाल के समय इसके खिलाफ जारी जंग में पीएम मोदी के संघर्षों का जिक्र है. इस किताब को आपतकाल के समय मोदी के साथ काम करने वाले सहयोगियों के अनुभवों और अन्य अभिलेखीय सामग्रियों के आधार पर तैयार किया गया है. यह किताब आज बुधवार शाम को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लॉन्च करेंगे।
आपातकाल विरोधी आंदोलन सीखने का अनुभवः PM मोदी
खुद इस किताब को लेकर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपने पोस्ट में कहा, “देश में जब आपातकाल ठोपी गई थी, तब मैं आरएसएस का युवा प्रचारक हुआ करता था. मेरे लिए आपातकाल विरोधी आंदोलन सीखने का अनुभव था. इसने हमारे लोकतांत्रिक ढांचे को बचाए रखने की अहमियत को फिर से पुष्ट किया. साथ ही, मुझे राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों से बहुत कुछ सीखने को मिला।”
उन्होंने आगे कहा, “मुझे खुशी है कि ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन ने उन अनुभवों में से कुछ को एक किताब के रूप में संकलित किया है, जिसकी प्रस्तावना एचडी देवेगौड़ा (पूर्व प्रधानमंत्री) ने लिखी है, जो खुद आपातकाल विरोधी आंदोलन के दिग्गजों में से एक थे।”
अपने अनुभव सोशल मीडिया पर करें साझाः PM मोदी
अपने संघर्षों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, द इमरजेंसी डायरीज आपातकाल के वर्षों के दौरान मेरी यात्रा का वृत्तांत है. इसने उस समय की मेरी कई यादें ताजा कर दी हैं. मैं उन सभी लोगों से अनुरोध करता हूं आपातकाल के उन काले दिनों को जो लोग याद करते हैं या जिनके परिवारों ने उस दौरान कष्ट झेले हैं कि वे अपने अनुभवों को सोशल मीडिया पर साझा करें. यह 1975 से 1977 तक के शर्मनाक समय के बारे में युवाओं में जागरूकता पैदा करेगा।”