पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के साथ ही राज्य में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया तेज हो गई है। मुख्यमंत्री आवास पर शनिवार को जदयू के कोर नेताओं की बैठक हुई, जिसमें मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री ललन सिंह (Lalan Singh) कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा और मंत्री विजय कुमार चौधरी के साथ नई कैबिनेट के स्वरूप पर विस्तृत चर्चा की। बैठक के बाद जदयू के शीर्ष नेता ललन सिंह और संजय झा दिल्ली रवाना हुए, जहां वे भाजपा नेतृत्व के साथ कैबिनेट फार्मूले पर अंतिम बातचीत करेंगे।
दिल्ली में भी शुरू हुआ राजनीतिक मंथन
शनिवार देर शाम जदयू नेताओं की भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात हुई। रविवार को भी नई एनडीए सरकार की संरचना पर विचार-विमर्श जारी रहने की संभावना जताई जा रही है।
चुनाव परिणाम के बाद भाजपा के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और बिहार संगठन प्रभारी विनोद तावड़े ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। गृह मंत्री आवास पर तीनों के बीच सरकार गठन को लेकर लंबी बैठक हुई। सूत्रों के अनुसार शपथ ग्रहण 20 नवंबर से पहले होने की संभावना है और समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी तय मानी जा रही है।
छोटे घटक दलों को भी मिलेगा प्रतिनिधित्व
नीतीश कुमार की अगली कैबिनेट में छोटे सहयोगी दलों को भी स्थान मिलने की संभावना है। माना जा रहा है कि चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी के दलों से एक-एक विधायक को मंत्री पद दिया जा सकता है।
जदयू और भाजपा के हिस्से में आने वाले मंत्रियों की संख्या अगले 24 से 36 घंटे में तय हो जाएगी। अनुमान है कि नई सरकार 25 से 30 सदस्यीय कैबिनेट के साथ बनेगी।
हरिनारायण सिंह होंगे प्रोटेम स्पीकर
सदन का संचालन प्रोटेम स्पीकर के चयन से शुरू होगा। जदयू के वरिष्ठ विधायक हरिनारायण सिंह (Harinarayan Singh) जो दसवीं बार विधानसभा पहुंचे हैं, को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाएगा।
वे सभी नव-निर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाएंगे। इसके बाद नए विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। अध्यक्ष के निर्वाचन के बाद विश्वास मत की आवश्यकता नहीं होती, जिसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया जाएगा।
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