नई दिल्ली। सबरीमाला के दौरे पर आए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु (President Dropadi Murmu) बाल-बाल बच गईं, जब उनके हेलीकॉप्टर के पहिए लैंडिंग के दौरान कंक्रीट के गड्ढे में फंस गए। पुलिसकर्मी और अग्निशमन बल के कर्मचारियों ने मिलकर हाथ से हेलीकॉप्टर को बाहर निकाला। यह घटना केरल के प्रमादम स्थित राजीव गांधी इंडोर स्टेडियम (Rajiv Gandhi Indore Stadium) में सुबह देखी गई।
घटना के दौरान कोई बड़ा नुकसान नहीं
हेलीकॉप्टर से उतरने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु सुरक्षित रूप से सड़क मार्ग से पंबा के लिए रवाना हो गईं।हालांकि यह घटना डरावनी थी, लेकिन किसी को चोट नहीं आई और हेलीकॉप्टर को बिना नुकसान के बाहर निकाला गया।
कैसे फंसा हेलीकॉप्टर का पहिया?
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हेलीकॉप्टर की प्रारंभिक लैंडिंग योजना पंबा के पास निलक्कल के लिए थी, लेकिन खराब मौसम के कारण लैंडिंग स्टेडियम में करनी पड़ी। इसी दौरान हेलीकॉप्टर का पहिया कंक्रीट के गड्ढे में फंस गया।
राष्ट्रपति का चार दिवसीय दक्षिण भारत दौरा
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु दक्षिणी राज्यों की चार दिवसीय यात्रा पर हैं। मंगलवार की शाम को वे केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram) पहुंची थीं। आज सुबह उनका कार्यक्रम पथानामथिट्ट स्थित पहाड़ी मंदिर के दौरे का था।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जीवनी क्या है?
श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 25 जुलाई, 2022 को भारत की 15वीं राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की। इससे पहले, वे, 2015 से 2021 तक झारखंड की 9वीं राज्यपाल रहीं। श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का जन्म 20 जून, 1958 को ओडिशा में दूरस्थ मयूरभंज जिले के उपरबेड़ा गांव में एक संथाल आदिवासी परिवार में हुआ।
द्रौपदी मुर्मू का असली नाम क्या है?
उनके पिता और दादा ग्राम परिषद ( ग्राम पंचायत ) के पारंपरिक मुखिया (नामित सरपंच ) थे। उनके परिवार ने उनका नाम उनकी दादी के नाम पर दुर्गी टुडू रखा और उनका उपनाम बट्टी था जो अंततः पुति हो गया। उनके स्कूल शिक्षक ने उनका नाम बदलकर द्रौपदी रख दिया और अतीत में उनका नाम कई बार बदलकर दुरपदी और दोरपदी रखा गया।
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