नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) के बीच लालू परिवार को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। सीबीआई ने आईआरसीटीसी होटल मामले में करीब एक दर्जन गवाहों की सूची अदालत को सौंपी है, जो लालू प्रसाद (Lalu Prasad) राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) और अन्य के खिलाफ गवाही देंगे।
आरोप और गवाहों की पेशी
विशेष सीबीआई अदालत ने इस महीने की शुरुआत में लालू परिवार के खिलाफ आरोप तय किए।
- लालू प्रसाद पर भ्रष्टाचार, आपराधिक षड्यंत्र और धोखाधड़ी के आरोप हैं।
- राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और अन्य पर षड्यंत्र और धोखाधड़ी सहित कई अपराध का आरोप है।
तीनों आरोपियों ने अदालत में खुद को निर्दोष बताया है।
सीबीआई ने गवाहों को 27 अक्टूबर को अदालत में पेश होने का नोटिस जारी किया है। उस दिन से मामले में ट्रायल शुरू होगा।
अदालत का आदेश और प्रारंभिक निष्कर्ष
13 अक्टूबर को जज विशाल गोगने ने आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया लालू को पूरी प्रक्रिया की जानकारी थी और उन्होंने होटलों के हस्तांतरण को प्रभावित किया। आदेश में यह भी कहा गया कि निविदा प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए और ज़मीन के टुकड़ों का कम मूल्यांकन कर लालू के करीबी सहयोगियों के हाथों में हस्तांतरित किया गया।
सीबीआई के आरोप और संपत्ति हस्तांतरण
सीबीआई ने यादव परिवार पर आरोप लगाया कि उन्होंने रेलवे खानपान और पर्यटन निगम की निविदाओं और अवैध भूमि हस्तांतरण में हेरफेर किया। लालू प्रसाद पर आरोप है कि उन्होंने कोचर बंधुओं और अन्य के साथ मिलकर रांची और पुरी में बीएनआर होटलों के ठेके अनुचित तरीके से देने का षड्यंत्र रचा।
कोचर ने कथित तौर पर पटना में प्रमुख भूखंड लालू के करीबी सहयोगियों के नियंत्रण वाली कंपनी को बेच दिया, जिसे बाद में यादव परिवार के सदस्यों ने मामूली कीमत पर अपने नियंत्रण में ले लिया
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