नई दिल्ली। भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष कब चुना जाएगा अब इससे पर्दा उठ चुका है। दरअसल रक्षा मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने स्पष्ट किया है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बिहार विधानसभा चुनावों के बाद मिलने जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी में किसी तरह की अंदरूनी कलह नहीं है और सभी नेता संगठन के निर्णयों के प्रति एकजुट हैं।
पार्टी की परंपरा के अनुसार होगा चयन
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष पद का चयन भाजपा की परंपरा और संगठनात्मक प्रक्रिया के अनुसार ही किया जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा एक अनुशासित राजनीतिक संगठन है। यहां फैसले सामूहिक रूप से होते हैं, किसी व्यक्ति विशेष के आधार पर नहीं।
संघ राजनीति में दखल नहीं देता
रक्षा मंत्री राजनाथ ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि संघ पार्टी के राजनीतिक फैसलों में कोई हस्तक्षेप नहीं करता। उन्होंने कहा, आरएसएस (RSS) राजनीति में दखल नहीं देता, बल्कि देशभक्ति, अनुशासन और सेवा की भावना सिखाता है। भाजपा और संघ का संबंध वैचारिक है, राजनीतिक नहीं।
बिहार चुनाव में एनडीए की जीत को लेकर आत्मविश्वास
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनाथ सिंह ने आत्मविश्वास जताया कि एनडीए गठबंधन एक बार फिर से सत्ता में लौटेगा। उन्होंने कहा कि जनता का रुझान स्पष्ट रूप से एनडीए के पक्ष में है और गठबंधन को दो-तिहाई बहुमत मिल सकता है।
नीतीश के नेतृत्व में ही लड़ेगा चुनाव
उन्होंने यह भी दोहराया कि चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जा रहा है और नतीजों के बाद भी वे ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
जन सुराज पर साधा निशाना
इसी दौरान उन्होंने चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर और उनकी पार्टी जन सुराज पर भी निशाना साधा। राजनाथ ने कहा, प्रशांत किशोर कोई बड़ा फैक्टर नहीं हैं। जनता समझती है कि कौन वोट काटने के लिए चुनाव लड़ रहा है और कौन सरकार बनाने के लिए।
संगठनात्मक बदलाव चुनाव के बाद
राजनाथ सिंह के इस बयान से यह भी स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि भाजपा संगठनात्मक बदलाव पर विचार कर रही है, लेकिन इसे बिहार चुनावों के बाद तक टालने का फैसला किया गया है, ताकि पूरा ध्यान चुनावी रणनीति पर केंद्रित रहे।
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