वैशाली,। बिहार की लालगंज विधानसभा सीट कभी बाहुबली नेता मुन्ना शुक्ला (Munna Shukla) का अभेद्य गढ़ मानी जाती थी, अब उनकी बेटी शिवानी शुक्ला की एंट्री से यह सीट एक बार फिर सुर्खियों में है। लंदन की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स से मास्टर्स ऑफ लॉ (LLM) की डिग्री हासिल करने वाली 28 साल की शिवानी को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने लालगंज सीट से प्रत्याशी बनाया है। शिवानी शुक्ला ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के नामांकन के अंतिम दिन अपना टिकट लिया और पर्चा दाखिल किया
तीन दलों के बीच त्रिकोणीय मुकाबला
लालगंज सीट (Lalganj Seat) पर उनका मुकाबला महागठबंधन के अपने ही सहयोगी दल कांग्रेस के प्रत्याशी आदित्य कुमार राजा से है। मुख्य लड़ाई बीजेपी के निवर्तमान विधायक संजय सिंह के साथ मानी जा रही है, जिससे यह सीट हाई-वोल्टेज मुकाबले का केंद्र बन गई है।
शिक्षा और पारिवारिक पृष्ठभूमि
लालगंज के खानजाहा चक गांव की रहने वाली शिवानी की स्कूली शिक्षा दिल्ली पब्लिक स्कूल में हुई, जबकि उन्होंने उच्च शिक्षा बेंगलुरु की एलायंस यूनिवर्सिटी से पूरी की।
कम संपत्ति और एजुकेशन लोन के साथ मैदान में
चुनावी हलफनामे के मुताबिक, शिवानी और उनके पति वरुण तिवारी के पास सीमित संपत्ति है। शिवानी के पास 21 लाख से ज्यादा की चल संपत्ति है, जिसमें कई बैंकों में जमा राशि शामिल है। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने विदेश में पढ़ाई के लिए 36 लाख रुपये से अधिक का एजुकेशन लोन भी ले रखा है।
पिता को जेल से निकालना ही मकसद
शिवानी शुक्ला के राजनीति में आने का कारण भावनात्मक और स्पष्ट है। उन्होंने कहा है कि उनका असली मकसद मंत्री या विधायक बनना नहीं, बल्कि अपने पिता मुन्ना शुक्ला को जेल से बाहर निकालना है।
मुन्ना शुक्ला का लालगंज से पुराना नाता
मुन्ना शुक्ला ने साल 2000 में जेल में रहते हुए निर्दलीय चुनाव जीता था, जिसके बाद उनके परिवार का इस सीट पर वर्षों तक दबदबा रहा। हालांकि, 2010 के बाद से परिवार लगातार हार का सामना कर रहा है।
आरजेडी का भरोसा और नई सियासी शुरुआत
शिवानी की उच्च शिक्षा और कुछ ही दिनों के जनसंपर्क के दम पर आरजेडी ने उन पर भरोसा जताया है। अब देखना यह होगा कि मुन्ना शुक्ला की दूसरी पीढ़ी की यह सियासी एंट्री लालगंज के चुनावी समीकरणों को कितना बदल पाती है।
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