नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों (Green firecrackers) के इस्तेमाल को सीमित समय के लिए अनुमति दी है। 18 से 21 अक्टूबर तक ग्रीन पटाखे बेचे और जलाए जा सकेंगे। दिवाली के दिन यानी 20 अक्टूबर को लोग सुबह 6-7 बजे और रात में 8-10 बजे तक, कुल तीन घंटे तक ग्रीन पटाखे फोड़ सकेंगे।
कोर्ट का संतुलित रुख
मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ने कहा कि अदालत को लोगों की परंपराओं और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाना होगा।
सीजेआई गवई ने कहा,
“हम त्योहारों की खुशी छीनना नहीं चाहते, लेकिन पर्यावरण के साथ समझौता भी नहीं करेंगे।”
अदालत ने निर्देश दिया कि हरियाणा के 22 जिलों में से एनसीआर (NCR) में आने वाले 14 जिलों में पेट्रोलिंग टीमें नियमित निरीक्षण करें और निर्माताओं को अपने QR कोड ऑनलाइन अपलोड करने होंगे ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
ग्रीन पटाखों की नीति और इतिहास
- “ग्रीन क्रैकर्स” का कॉन्सेप्ट सुप्रीम कोर्ट के अर्जुन गोपाल केस (Arjun Gopal Case) के बाद सामने आया।
- पिछले छह वर्षों में इन पटाखों से वायु प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी आई है।
- एनईईआरआई ने इन ग्रीन पटाखों के डिजाइन में अहम भूमिका निभाई।
- कोर्ट ने बताया कि 14 अक्टूबर 2024 से 1 जनवरी 2025 तक पटाखा निर्माण पर अस्थायी प्रतिबंध रहेगा ताकि वायु गुणवत्ता पर असर का मूल्यांकन किया जा सके।
पहले दी गई थी निर्माण की अनुमति
26 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों के निर्माण की अनुमति दी थी। केवल वे निर्माता जिनके पास एनईईआरआई और पीईएसओ से मंजूरी है, वही ग्रीन पटाखे बना सकते हैं।
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