चंडीगढ़ । हरियाणा के आईपीएस अफसर वाई पूरन कुमार (Y Puran Kumar) की आत्महत्या मामले में कई अफसरों की चिंता बढ़ गई है। मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी मौत और रिश्वत कांड में कनेक्शन खोजने रोहतक पहुंची।
गनमैन पर रिश्वत लेने का आरोप
शराब ठेकेदार से ढाई लाख रुपए मांगने के मामले में रोहतक के अर्बन एस्टेट थाने में आईपीएस पूरन कुमार के गनमैन सुशील के खिलाफ एफआईआर दर्ज है। जांच के लिए हरियाणा सरकार और पुलिस अफसर की पत्नी आईएएस अमनीत पी कुमार (IPS Amanit P Kumar) को पत्र भेजा गया, ताकि शव की पहचान कर पोस्टमॉर्टम जल्द कराया जा सके। एसआईटी की अगुवाई आईजी पुष्पेंद्र कुमार (IG Pushpendra Kumar) कर रहे हैं।
एफआईआर और कोर्ट कार्रवाई
6 अक्टूबर को दर्ज केस में आरोप है कि पूरन कुमार के कहने पर गनमैन सुशील ने शराब कारोबारी से रिश्वत मांगी। कारोबारी ने ऑडियो क्लिप पुलिस को सौंपी। पूछताछ में सुशील ने यह बात स्वीकार की। 7 अक्टूबर को कोर्ट में पेश करने पर सुशील को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया।
खाप पंचायतों की मांग और विरोध
सुसाइड मामले में प्रदेशभर की खाप पंचायतें रोहतक के तत्कालीन एसपी नरेंद्र बिजारणिया के समर्थन में सड़क पर उतरीं और उच्च स्तरीय जांच की मांग की। अहलावत खाप 27 के प्रधान जयसिंह अहलावत ने कहा कि दोषियों को सजा मिले और निर्दोषों को नुकसान न पहुंचे।
परिवार और सरकार के बीच गतिरोध
आईपीएस पूरन कुमार के परिवार और सरकार के बीच गतिरोध जारी है। 6 दिन से शव का पोस्टमॉर्टम नहीं हो पाया। उनकी पत्नी आईएएस अमनीत पी कुमार डीजीपी और एसपी नरेंद्र बिजराणिया की गिरफ्तारी और हटाने की मांग पर अड़ी हैं। दलित संगठनों ने चंडीगढ़ पुलिस प्रशासन को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है।
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