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SSC Phase 13 Re-Exam 2025: छात्रों का दर्द, “एसएससी नहीं सुधरेगा, कोई उम्मीद नहीं”

Vinay
Vinay
SSC Phase 13 Re-Exam 2025: छात्रों का दर्द, “एसएससी नहीं सुधरेगा, कोई उम्मीद नहीं”

29 अगस्त 2025 को, स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (SSC) ने फेज 13 परीक्षा के लिए लगभग 59,500 प्रभावित उम्मीदवारों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित की। यह री-एग्जाम (Re-Exam) 24 जुलाई से 2 अगस्त 2025 तक आयोजित मूल परीक्षा में तकनीकी और प्रशासनिक खामियों के कारण आयोजित की गई थी।

लेकिन इस री-एग्जाम के बाद भी छात्रों का गुस्सा और निराशा कम नहीं हुई। कई छात्रों ने परीक्षा केंद्रों पर अव्यवस्था, तकनीकी समस्याओं और SSC की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए, जिससे सोशल मीडिया पर #SSCMisManagement और #SSCVendorFailure जैसे हैशटैग फिर से ट्रेंड करने लगे

छात्रों का दर्द और शिकायतें

दिल्ली, लखनऊ और बेंगलुरु जैसे शहरों में री-एग्जाम देने वाले छात्रों ने अपनी पीड़ा साझा की। दिल्ली के एक उम्मीदवार अजय कुमार ने कहा, “पहली बार परीक्षा रद्द हुई, फिर री-एग्जाम में भी सर्वर क्रैश हो गया। सेंटर पर बायोमेट्रिक मशीन काम नहीं कर रही थी। SSC हर बार बहाने बनाता है।” लखनऊ की एक छात्रा, प्रिया मिश्रा ने बताया, “मुझे 300 किमी दूर सेंटर मिला।

खर्चा और समय बर्बाद हुआ, लेकिन सवालों में भी गड़बड़ी थी। SSC को सुधार की कोई उम्मीद नहीं।” बेंगलुरु में एक अन्य उम्मीदवार ने X पर लिखा, “59,500 छात्रों को री-एग्जाम देना पड़ा, लेकिन सिस्टम वही पुराना। क्या SSC कभी सुधरेगा?”

तकनीकी और प्रशासनिक खामियां

रिपोर्ट्स के अनुसार, री-एग्जाम में भी कई केंद्रों पर तकनीकी समस्याएं सामने आईं, जैसे कंप्यूटर हैंग होना, माउस का काम न करना, और गलत प्रश्नपत्र वितरण। कुछ छात्रों ने बताया कि सेंटर पर स्टाफ की कमी और असहयोगी रवैया भी परेशानी का कारण बना। दिल्ली के पवन गंगा और उत्तर प्रदेश के एडुकासा जैसे केंद्रों में पहले ही परीक्षा रद्द हो चुकी थी, और री-एग्जाम में भी समान समस्याएं देखी गईं

छात्रों की मांग और विरोध

छात्रों ने SSC से पारदर्शिता, बेहतर सेंटर आवंटन और तकनीकी सुधार की मांग की है। 31 जुलाई 2025 को दिल्ली में ‘चलो दिल्ली’ आंदोलन के दौरान हजारों छात्रों और शिक्षकों ने जंतर-मंतर और DoPT कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारियों ने SSC के नए वेंडर, एडुक्विटी करियर टेक्नोलॉजीज, पर भी सवाल उठाए, जिसे तकनीकी खामियों का जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। कुछ छात्रों ने पूरे फेज 13 की परीक्षा रद्द करने की मांग की, लेकिन SSC चेयरमैन एस गोपालकृष्णन ने इसे खारिज कर दिया।

छात्रों का कहना है कि SSC की यह लापरवाही उनकी मेहनत और भविष्य के साथ खिलवाड़ है। एक X पोस्ट में लिखा गया, “SSC की गड़बड़ियां लाखों छात्रों का भविष्य दांव पर लगा रही हैं।” विशेषज्ञों का मानना है कि अगर SSC अपनी प्रक्रिया में सुधार नहीं करता, तो आगामी SSC CGL 2025 जैसे बड़े एग्जाम भी विवादों में घिर सकते हैं।

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