तमिलनाडु के जल संसाधन मंत्री दुरईमुरुगन और उनके परिवार की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती हुई दिख रही है। जहां अधिक संपत्ति मामले में दुरईमुरुगन परिवार पर मद्रास हाईकोर्ट ने एक बार फिर केस चलाने का आदेश दिया है।
मद्रास हाईकोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने डीएमके महासचिव और तमिलनाडु के जल संसाधन मंत्री दुरईमुरुगन और उनके परिवार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में एक बार फिर से केस चलाने का आदेश दिया है। यह मामला वेल्लोर जिले की एक विशेष अदालत से जुड़ा है। हाईकोर्ट के जज पी. वेलमुरुगन ने सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) की याचिका पर यह फैसला दिया। बता दें कि डीएवीसी ने 2007 में विशेष अदालत द्वारा दुरईमुरुगन और उनके परिवार को बरी किए जाने के फैसले को चुनौती दी थी।
परिवार के नाम पर संपत्ति जुटाने का आरोप
मामले में सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने कहा कि यह मामला 1996 से 2001 के बीच की अवधि का है, जब दुरईमुरुगन लोक निर्माण विभाग में मंत्री थे। इस दौरान उन पर 3.92 करोड़ रुपये की संपत्ति अपने और अपने परिवार के नाम पर जुटाने का आरोप है, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से कहीं ज्यादा बताई गई है।
ध्यान रहे कि इस मामले में दुरईमुरुगन के साथ उनकी पत्नी डी. संथाकुमारी, भाई दुरई सिंगाराम, बेटा डी. एम. कथिर आनंद (जो अब लोकसभा सांसद हैं) और बहू के. संगीता भी आरोपी हैं। इसके खिलाफ डीवीएसी ने 2012 में विशेष अदालत के फैसले को चुनौती दी थी, जिसके बाद अब मद्रास हाईकोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया है और केस को दोबारा शुरू करने का आदेश दिया है।