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Railway : बंगाल में आज से चलेगी पहली एसी लोकल ट्रेन , सुविधाओं से है लैस

Anuj Kumar
Anuj Kumar
Railway : बंगाल में आज से चलेगी पहली एसी लोकल ट्रेन , सुविधाओं से है लैस

कोलकाता। बंगाल को रविवार से पहली वातानुकूलित (AC) लोकल ट्रेन मिलने वाली है। लोकल एसी ट्रेन चलने से आम लोगों को जो लोकल ट्रेन से यात्रा करते हैं उन्हें गर्मी से राहत मिलेगी। चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फ़ैक्टरी (आइसीएफ) द्वारा विकसित, यह नई एसी ईएमयू ट्रेन राज्य के रेल नेटवर्क में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। यह ट्रेन पूर्वी रेलवे के सियालदह मंडल को आवंटित की गई है।

एसी लोकल ट्रेन सियालदह और राणाघाट के बीच चलेगी

बंगाल की पहली एसी लोकल ट्रेन सियालदह और राणाघाट (Sealdah and Ranaghat) के बीच चलेगी। लोकल ट्रेन यह पूरी दूरी 01:40 घंटे में तय करेगी। ट्रेन 110 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति से चलेगी। पूर्व रेलवे ने कहा कि यह एक सरपट दौड़ने वाली सेवा होगी जिसमें महत्वपूर्ण स्टेशनों पर कम ठहराव होंगे, जिससे यह परिवहन का एक प्रीमियम उपनगरीय साधन बन जाएगा।

न्यूनतम किराया 35 रुपये और अधिकतम 120 रुपये है

सियालदह से राणाघाट जाने वाली एसी लोकल ट्रेन में स्टेनलेस स्टील बाडी (Stainless Steel) वाले 12 बोगी पूरी तरह से वातानुकूलित है और इसमें 1,126 यात्रियों के बैठने की जगह है। यह ट्रेन अपनी यात्रा के दौरान चकदाह, कल्याणी, कांचरापाड़ा, नैहाटी, बैरकपुर, खरदाह, सोदपुर, दमदम और विधाननगर स्टेशनों पर रुकेगी।

इस ट्रेन का किराया पूरी यात्रा के लिए 120 रुपये है, जो बेहद किफायती है और सबसे कम किराया 35 रुपये है। इसके अलावा, दैनिक यात्रियों को टिकट के कई विकल्प उपलब्ध हैं, जैसे कि वे दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक और मासिक टिकटों में से चुन सकते हैं। इस ट्रेन का उद्घाटन रविवार को सियालदह से होगा और ट्रेन का संचालन सोमवार को राणाघाट से शुरू होगा।

ट्रेन इंटरनल स्पेस काफी बेहतर है

ट्रेन इंटरनल स्पेस काफी बेहतर है और एंड-टू-एंड वेस्टिबुल कनेक्टिविटी है। सीसीटीवी लगे हैं और यात्रियों को आपातकालीन स्थिति में ड्राइवर/गार्ड से संपर्क करने के लिए टाक-बैक स्विच दिया गया है। जीपीएस-सक्षम एलईडी डिस्प्ले लगा है जिससे यात्रियों को टाइम और यात्रा संबंधित घोषणाएं दिखाई सुनाई देंगी।

सभी दरवाजे विद्युत चालित स्लाइडिंग हैं

सभी डिब्बों में डबल-सील्ड ग्लास खिड़कियां लगी हैं ताकि यात्रियों को आराम से बैठकर बाहर के मनोरम दृश्य दिखाई देंगे। सभी दरवाजे विद्युत चालित स्लाइडिंग हैं, जो गंतव्य स्टेशनों पर पहुंचने के बाद ही खुलेंगे, जिससे यह सेवा सबसे सुरक्षित और कुशल बन जाएगी

कोलकाता रेलवे स्टेशन का पहले क्या नाम था?

कोलकाता रेलवे स्टेशन ( KOAA ), जिसे पहले चितपुर रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाता था, भारत के पश्चिम बंगाल के कोलकाता महानगरीय क्षेत्र में स्थित पाँच बड़े रेलवे स्टेशनों में से सबसे नया है। अन्य स्टेशन हैं सियालदह , हावड़ा , शालीमार और संतरागाछी जंक्शन । कोलकाता स्टेशन उत्तरी कोलकाता के बेलगछिया इलाके में स्थित है।

कोलकाता का दूसरा नाम क्या था?

इसका पूर्व नाम अंग्रेजी में “कैलकटा’ था लेकिन बांग्ला भाषी इसे सदा कोलकाता या कोलिकाता के नाम से ही जानते है एवं हिन्दी भाषी समुदाय में यह कलकत्ता के नाम से जाना जाता रहा है। सम्राट अकबर के चुंगी दस्तावेजों और पंद्रहवी सदी के विप्रदास की कविताओं में इस नाम का बार-बार उल्लेख मिलता है।

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