नई दिल्ली । भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर तेजी से काम हो रहा है। खासकर रेलवे और सड़क प्रोजेक्ट्स पर बड़े पैमाने पर निवेश किया जा रहा है। इन्हीं प्रोजेक्ट्स में से एक है मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट, जिसका काम तेजी से चल रहा है। आने वाले कुछ महीनों में देश की पहली बुलेट ट्रेन (Bullet Train) पटरियों पर दौड़ सकती है।
जापान के साथ नई साझेदारी की तैयारी
अगर सबकुछ योजना के मुताबिक रहा तो भारत में नेक्स्ट जेनरेशन बुलेट ट्रेन (Generation Bullet Train) का प्रोडक्शन भी शुरू हो सकता है। इसके लिए भारत और जापान के बीच समझौता होने की उम्मीद है। पीएम नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय जापान यात्रा के दौरान ई-10 शिंकानसेन बुलेट ट्रेन की मैन्युफैक्चरिंग पर समझौते का ऐलान कर सकते हैं।
ई-10 शिंकानसेन पर समझौता
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत और जापान मिलकर अगली पीढ़ी की ई-10 शिंकानसेन का निर्माण कर सकते हैं। जापान की अल्फा-एक्स (Alpha-X) से विकसित इस ट्रेन को भारतीय परिस्थितियों के हिसाब से विशेष रूप से डिजाइन किया जाएगा। यह अहमदाबाद-मुंबई हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट को और मजबूती देगा।
ऐतिहासिक साझेदारी बन सकती है डील
विशेषज्ञों का मानना है कि यह साझेदारी करीब चार दशक पहले शुरू हुए मारुति-सुजुकी जॉइंट वेंचर की तरह ऐतिहासिक साबित हो सकती है। फर्क सिर्फ इतना होगा कि इस बार पैमाना और रणनीतिक महत्व कहीं बड़ा होगा।
400 किमी/घंटा की रफ्तार
ई-10 शिंकानसेन की अधिकतम रफ्तार 400 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। जबकि भारत के लिए पहले ई-5 शिंकानसेन का विकल्प तय था, जिसकी स्पीड 320 किमी/घंटा है। पीएम मोदी की विशेष दिलचस्पी और जापान के साथ संबंधों के चलते भारत को नवीनतम तकनीक का लाभ मिलेगा।
निर्यात का भी खुल सकता है रास्ता
यह प्रोजेक्ट भारत की परिवहन ज़रूरतों को पूरा करने के साथ-साथ यहां बनी ट्रेनों के निर्यात का रास्ता भी खोल सकता है। भारत की किफायती मैन्युफैक्चरिंग और जापान की तकनीक व गुणवत्ता इसे एक्सीलेंस प्रोजेक्ट बना सकते हैं।
पीएम मोदी का जापान दौरा
पीएम मोदी अपने जापानी समकक्ष शिगेरू इशिबा के साथ वार्षिक शिखर सम्मेलन और बिज़नेस फोरम में हिस्सा लेंगे। इसके बाद दोनों प्रधानमंत्री शिंकानसेन से यात्रा कर सेनदाई जाएंगे, जहां वे एक सेमीकंडक्टर फैक्ट्री का दौरा करेंगे और जापानी प्रांतों के गवर्नरों से मुलाकात करेंगे।
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