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Latest News Mirzapur :  स्वास्थ्य जांच हुई तो लड़की में मिले लड़कों के गुण

Surekha Bhosle
Surekha Bhosle
Latest News Mirzapur :  स्वास्थ्य जांच हुई तो लड़की में मिले लड़कों के गुण

कभी पीरियड नहीं आए — मिर्ज़ापुर का मामला

Mirzapur :  17 साल की लड़की, जिसका बचपन से पीरियड नहीं हुए, अचानक पता चलता है कि उसके शरीर में पुरुषों के अंडकोष मौजूद हैं। स्थान: मिर्ज़ापुर, उत्तर प्रदेश।

मिर्जापुर: (Mirzapur) कुदरत के खेल निराले होते हैं। कोई नहीं जानता उसके मन में क्‍या चल रहा है। वो दिखाता कुछ है पर करता कुछ और ही है। मिर्जापुर का एक परिवार आजकल इन्‍हीं ख्‍यालों में गुम है। दरअसल परिवार की 17 साल (17 years) की एक बेटी को कभी पीरियड ही नहीं आए। आमतौर पर 13 से 14 साल की उम्र में यह शुरू हो जाता है। घरवाले बिटिया को प्रयागराज के एसआरएस अस्‍पताल में ले गए। जांच के दौरान पता चला कि वह शारीरिक रूप से लड़की होते हुए भी अंदर से लड़का है। उसमें पुरुषों के अंडकोष पाए गए। बच्चेदानी भी नहीं थी। यह जानकर परिजनों के साथ डॉक्‍टर भी हतप्रभ रह गए

46 एक्स वाई क्रोमोसोम पाए गए, जो पुरुषों में होते हैं

सके बाद लड़की का जेनेटिक टेस्ट हुआ। इसमें 46 एक्स वाई क्रोमोसोम पाए गए, जो पुरुषों में होते हैं। डॉक्‍टरों ने इसे एंड्रोजन असंवेदनशीलता सिंड्रोम नामक दुर्लभ बीमारी बताया। लड़की की काउंसलिंग की गई। परिजनों की सहमति से उसके शरीर से अविकसित अंडकोष को ऑपरेशन से बाहर निकाल दिया गया और हार्मोनल थेरेपी शुरू की गई।

अविकसित अंडकोष डॉक्‍टरों ने बाहर निकाल दिया

काउंसलिंग के दौरान लड़की ने बताया कि उसका लालन-पोषण लड़की की तरह से हुआ है और वह मानसिक तौर पर लड़की ही है। आगे भी वह लड़की ही बनकर रहना चाहती है। परिजनों ने भी इस पर सहमति जताई। ऐसे में डॉक्‍टरों ने दूरबीन विधि से किशोरी के शरीर से दोनों अविकसित अंडकोष को ऑपरेशन कर बाहर निकाल दिया ताकि आगे चलकर कैंसर का खतरा न पनपने पाए।

कभी गर्भवती नहीं हो सकेगी लड़की

अब किशोरी को वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. अनुभा श्रीवास्तव की तरफ से हार्मोनल थेरेपी दी जा रही है। यह थेरेपी आजीवन चलती रहेगी। वहीं किशोरी को बता दिया गया है कि बच्चेदानी न होने की वजह से वह कभी गर्भवती नहीं हो सकेगी।

क्‍या है एआईएस?

एंड्रोजन असंवेदनशीलता सिंड्रोम (एआईएस) एक आनुवंशिक स्थिति है जिसमें शरीर पुरुष हार्मोन एंड्रोजन के प्रति प्रतिक्रिया नहीं करता है। इससे उन व्यक्तियों का आनुवंशिक रूप से पुरुष (एक्स वाई गुणसूत्र) होने के बावजूद बाहरी शारीरिक लक्षण अक्सर महिलाओं वाले होते हैं। यह काफी दुर्लभ बीमारी होती है। इसमें शरीर लड़की का होता है मगर गुण लड़के के होते हैं।

मिर्जापुर किस लिए प्रसिद्ध है?

शहर में अन्य पवित्र स्थान हैं: अशतभुजा मंदिर, सीता कुंड, काली खोह, बुदे नाथ मंदिर, नारद घाट, गरुआ तालाब, मोतिया तालाब, लाल भैरव और काल भैरव मंदिर, एकदांत गणेश, सप्त सरोवर, साक्षी गोपाल मंदिर, गोरक्ष-कुंड, मत्स्येंद्र कुंड, तारकेश्वर नाथ मंदिर, कणकली देवी मंदिर, शिवशिव समोह अवधुत आश्रम और भैरव कुंड।

मिर्जापुर की असली कहानी क्या है?

Mirzapur हमें कई कहानियाँ और किंवदंतियाँ मिलीं। उन्होंने आगे कहा, “गुड्डू [अली फ़ज़ल] और बबलू [विक्रांत मैसी] की कहानियाँ दो असली लड़कों पर आधारित थीं जो बाइक चलाते थे और शहर में आतंक मचाते फिरते थे। हमने ड्रग के धंधे पर शोध किया। लेकिन क्योंकि दुनिया बहुत काल्पनिक और नाटकीय है, इसलिए हमने अपनी कल्पनाओं को खुला छोड़ दिया।

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