‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम बहुत सोच-समझकर रखा गया है: थरूर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका दौरे पर है। इस प्रतिनिधिमंडल का मकसद आतंकवाद पर भारत का रुख दुनिया के सामने रखना है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सरकार की यह एक बड़ी राजनयिक पहल है। यूएस स्थित नेशनल प्रेस क्लब में एक बातचीत के दौरान सवाल किया गया कि आखिर भारत ने इस एक्शन को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम क्यों दिया। इस सवाल का कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बड़ा ही शानदार जवाब दिया। थरूर ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम बहुत सोच-समझकर रखा गया है। उन्होंने सिंदूर के महत्व को बताते हुए कहा कि यह रंग खून से अलग नहीं है। शशि थरूर के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल फिलहाल अमेरिका में है।
मुझे बहुत खुशी है कि आपने यह मुद्दा उठाया: थरूर
इसी दौरान शशि थरूर के पत्रकार बेटे ने अमेरिका में उनसे पाकिस्तान से संबंधित ऐसा सवाल पूछ लिया जिसका जवाब शशि थरूर ने खुल कर दिया। शशि थरूर के बेटे ने पूछा कि क्या किसी देश ने प्रतिनिधिमंडल से पहलगाम हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता के सबूत मांगे थे क्योकिं पाकिस्तान ने हमले में किसी भी भूमिका से बार-बार इनकार किया था। इसके जवाब में थरूर ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि आपने यह मुद्दा उठाया। मैंने इसे नहीं लगाया, मैं आपसे वादा करता हूँ। बहुत सरलता से, किसी को कोई संदेह नहीं था, और हमसे सबूत नहीं मांगे गए। लेकिन मीडिया ने दो या तीन जगहों पर पूछा है।

पाकिस्तान की ओर से लगातार 37 साल से जारी है आतंकी हमलों का सिलसिला
कांग्रेस नेता ने कहा कि मैं बहुत स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूँ कि भारत ने बिना पुख्ता सबूत के ऐसा नहीं किया होता। लेकिन तीन खास वजहें थीं, जिनकी ओर मैं आप सभी का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ। पहली वजह यह है कि पाकिस्तान की ओर से लगातार आतंकी हमलों का सिलसिला 37 साल से जारी है, जिसके साथ-साथ बार-बार इनकार भी किया जाता रहा है।
उन्होंने कहा कि मेरा मतलब है, अमेरिकी यह नहीं भूले हैं कि पाकिस्तान को कथित तौर पर यह नहीं पता था कि ओसामा बिन लादेन कहाँ है, जब तक कि उसे एक छावनी शहर में सेना के शिविर के ठीक बगल में एक पाकिस्तानी सुरक्षित घर में नहीं पाया गया। वह पाकिस्तान है। मुंबई हमले- उन्होंने इससे कोई लेना-देना होने से इनकार किया… इसलिए हम जानते हैं कि पाकिस्तान क्या है। वे आतंकवादियों को भेजेंगे, वे तब तक इनकार करेंगे जब तक कि वे वास्तव में रंगे हाथों पकड़े नहीं जाते।