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National : योगासनों से मिलेगी वजन घटाने में मदद : आयुष मंत्रालय

Anuj Kumar
Anuj Kumar
National : योगासनों से मिलेगी वजन घटाने में मदद : आयुष मंत्रालय

नई दिल्ली । गलत खानपान, लंबे समय तक बैठे रहना और शारीरिक गतिविधियों की कमी से मोटापे की समस्या गंभीर होती जा रही है। ऐसे में योग न केवल शरीर को फिट रखने का साधन है, बल्कि मन को शांत करने और जीवन में संतुलन लाने का भी प्रभावी तरीका है। विशेषज्ञों का मानना है कि रोजाना योगाभ्यास (Yoga) से वजन को नियंत्रित किया जा सकता है और समग्र स्वास्थ्य बेहतर होता है। इसी क्रम में आयुष मंत्रालय ने कुछ योगासन सुझाए हैं, जिनका नियमित अभ्यास वजन घटाने में मददगार हो सकता है।

धनुरासन पेट और कमर की चर्बी कम करने में उपयोगी है

धनुरासन पेट और कमर की चर्बी कम करने में विशेष रूप से उपयोगी है। इस आसन में शरीर धनुष की आकृति में आ जाता है, जिससे पाचन तंत्र सक्रिय होता है, कब्ज की समस्या घटती है और पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। हालांकि, पेट में अल्सर या गंभीर पाचन रोग से पीड़ित लोगों को इसे करने से बचना चाहिए। सूर्य नमस्कार को वजन घटाने का संपूर्ण व्यायाम माना जाता है।

सेतु बंध सर्वांगासन भी वजन घटाने में कारगर है

रोजाना 12 राउंड सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) करने से कैलोरी तेजी से बर्न होती हैं, मेटाबॉलिज्म (Metabolism) बेहतर होता है और शरीर में लचीलापन बढ़ता है। यह न केवल कमर की चर्बी घटाता है, बल्कि पाचन शक्ति और ऊर्जा स्तर को भी बढ़ाता है। सेतु बंध सर्वांगासन भी वजन घटाने में कारगर है। यह आसन पेट और जांघों की चर्बी कम करता है और रीढ़ की हड्डी को मजबूती देता है। ठोड़ी को छाती से जोड़ने की मुद्रा थायरॉयड ग्रंथि को सक्रिय करती है, जिससे हार्मोन संतुलन और मेटाबॉलिज्म में सुधार होता है।

साथ ही यह तनाव कम करने और शरीर को रिलैक्स करने में सहायक है। नौकासन पेट की चर्बी घटाने के लिए एक बेहतरीन आसन है। इस मुद्रा में शरीर नाव के आकार में आता है, जिससे पेट की मांसपेशियों पर गहरा असर पड़ता है। यह न केवल वजन घटाने में मदद करता है, बल्कि पाचन, रक्त संचार और फेफड़ों की क्षमता को भी बेहतर बनाता है। शुरुआती लोग इसे 10 सेकंड तक करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं

84 आसनों के नाम क्या हैं?

कुक्कुटासन,स्वस्तिकासन,गोमुखासन,वृक्षासन,मण्डूकासन,गरुड़ासन,वर्षासन,शलभासन, मकरासन,उष्ट्रासन,वीरासन,कूर्मासन,उत्तानकूर्मासन,धनुरासन,मत्स्येन्द्रासन,पश्चिमोत्तानासन, भुजंगासन,योगासन, मयूरासन,सिद्धासन,पद्मासन,सिंहासन,भद्रासन है।

Yoga का जनक कौन था?

महर्षि पतंजलि, जिन्हें “योग के जनक” कहा जाता है, ने अपने “योग सूत्रों” में योग के विभिन्न पहलुओं को व्यवस्थित रूप से संकलित और परिष्कृत किया। उन्होंने मानव जाति के सर्वांगीण विकास के लिए योग के अष्टांगिक मार्ग का प्रतिपादन किया, जिसे “अष्टांग योग” के नाम से जाना जाता है।

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