राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने 1 अगस्त 2025 को बिहार में चुनाव आयोग (EC) पर गंभीर आरोप लगाए, दावा किया कि आयोग वोटों की चोरी में शामिल है और यह कार्य भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “मैं 100 फीसदी प्रूफ के साथ कह रहा हूं कि चुनाव आयोग वोट चोरी करा रहा है। यह ओपन एंड शट केस है।” गांधी ने चेतावनी दी कि इस मामले में शामिल लोगों को, चाहे वे रिटायर्ड ही क्यों न हों, बख्शा नहीं जाएगा।
यह बयान बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के संदर्भ में आया, जिसके तहत मतदाता सूची की जांच में 52 लाख से अधिक मतदाता अपने पते पर नहीं मिले और 18 लाख मृत पाए गए। राहुल गांधी ने इसे वोटर लिस्ट से मतदाताओं को हटाने की साजिश करार दिया, विशेष रूप से अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाने का आरोप लगाया।
उन्होंने महाराष्ट्र और कर्नाटक के चुनावों में भी ऐसी ही अनियमितताओं का दावा किया। गांधी ने कहा कि कर्नाटक में एक लोकसभा सीट की गहन जांच में कांग्रेस ने वोट चोरी का पूरा तंत्र उजागर किया, जिसमें 60,000 से अधिक वोटों में हेरफेर का सबूत मिला। महाराष्ट्र में भी, उनके अनुसार, एक करोड़ नए मतदाताओं को जोड़ा गया, जिससे चुनाव में धांधली हुई।
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक इस मुद्दे को संसद से सड़क तक उठाएंगे और जनता के वोटिंग अधिकारों की रक्षा करेंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने मतदाता सूची और बूथ वीडियोग्राफी जैसी महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया, जिससे पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं।
चुनाव आयोग ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस ने कर्नाटक या महाराष्ट्र के चुनाव परिणामों को कानूनी रूप से चुनौती नहीं दी, जबकि उनके पास ऐसा करने का विकल्प था। आयोग ने SIR को मतदाता सूची की निष्पक्षता सुनिश्चित करने का हिस्सा बताया और दावा किया कि यह प्रक्रिया पारदर्शी है।
इसके जवाब में, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने गांधी के दावों का समर्थन करते हुए कहा कि उनके पास कर्नाटक में हेरफेर के पूर्ण दस्तावेज हैं। राहुल गांधी 4 अगस्त 2025 को बेंगलुरु में चुनाव आयोग के खिलाफ प्रदर्शन करने और इस मुद्दे पर ज्ञापन सौंपने वाले हैं.
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