पाकिस्तान एयरस्पेस: हिन्दुस्तानी विमानों ने पाकिस्तान के वायु प्रदेश के उपयोग को छोड़कर नया रूट अपनाना आरंभ कर दिया है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी आक्रमण के बाद इंडिया और पाकिस्तान के बीच परेशानी और गहरा गया। इसी के चलते पाकिस्तान ने हिन्दुस्तानी विमानों के लिए अपना वायु प्रदेश बंद कर दिया। लेकिन यह कदम इंडिया को नहीं, बल्कि खुद पाकिस्तान को भारी पड़ता दिख रहा है।
पाकिस्तान को करोड़ों डॉलर का हानि
हर देश को अपने वायु प्रदेश से गुजरने वाले विमानों से ओवरफ्लाइट चार्ज मिलता है। पाकिस्तान को भारतीय विमानों के गुजरने से हर साल करोड़ों डॉलर की कमाई होती थी। लेकिन अब इंडियन विमान पाकिस्तान के बजाय वैकल्पिक मार्ग से उड़ान भर रहे हैं, जिससे पाकिस्तान की आमदनी पर सीधा प्रभाव पड़ा है।
सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे पर बहस तेज है। एक यूजर ने लिखा, “पाकिस्तान ने दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी एविएशन मार्केट को खो दिया है।” नरेन मेनन नाम के एक अन्य यूजर ने कमेंट करते हुए कहा, “इस कदम से पाकिस्तान ने अपनी ही अर्थव्यवस्था पर वार किया है।”

भारतीय एयरलाइंस ने चुने नए विकल्प
एयर इंडिया, इंडिगो जैसी इंडियन संगठन अब वैकल्पिक मार्गों से यूरोप और उत्तरी अमेरिका के लिए उड़ान भर रही हैं। इससे उन्हें भले ही थोड़ी लंबी दूरी तय करनी पड़ रही हो, लेकिन पाकिस्तान के हवाई स्थान पर निर्भरता पूरी तरह समाप्त हो गई है। इससे इंडिय की एविएशन सुरक्षा और स्वतंत्रता दोनों दृढ़ हुई हैं।
पाकिस्तान एयरस्पेस: पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका
कुछ सोशल मीडिया यूजर्स का तर्क था कि पाकिस्तान विदेशी एयरलाइंस से कमाई जारी रखेगा। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय एयरलाइंस की संख्या और रूट इतने बड़े हैं कि पाकिस्तान को सबसे बड़ा झटका इंडियन विमानों के वायुक्षेत्र छोड़ने से ही लगा है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, यह कदम पाकिस्तान की पहले से कमजोर हो रही अर्थव्यवस्था के लिए और अधिक संकट ला सकता है। पहले ही पाकिस्तान विदेशी कर्ज और घटते विदेशी मुद्रा भंडार से जूझ रहा है। ऐसे में इस तरह के निर्णय आत्म-विनाशकारी साबित हो सकते हैं।