परमाणु हमला: भारत के विरुद्ध लगातार सैन्य असफलताओं के बीच पाकिस्तान ने एक ऐसा कदम उठाया है जिसने उसके इरादों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने नेशनल कमांड अथॉरिटी (NCA) की आपात बैठक बुलाई है। यह वही संस्था है जो परमाणु हथियारों के प्रयोग पर फैसला लेती है।
एनसीए मीटिंग: पाक के इरादों पर संदेह क्यों?
एनसीए पाकिस्तान की सबसे शक्तिशाली और गोपनीय संस्था है। इसके सदस्य प्रधानमंत्री, सेनाध्यक्ष, रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री और शीर्ष सुरक्षा अधिकारी होते हैं। यह संस्था परमाणु नीति और हथियारों के काबू का फैसला लेती है।
ऐसे में इस बैठक का आपात रूप से बुलाया जाना, और हिंदुस्तान द्वारा तीन पाकिस्तानी एयरबेस पर आक्रमणों के बाद यह कदम, इस आशंका को और भी बल देता है कि पाकिस्तान परमाणु विकल्प पर विचार कर रहा है।
अमेरिका ने पाक सेना प्रमुख से की सीधी बात
इस तनावपूर्ण माहौल में अमेरिका की विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से नहीं, बल्कि सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर से सीधे बात की। उन्होंने पाकिस्तान से संयम बरतने की निवेदन किया है।
अमेरिका की रुख और सवाल
रुबियो का सेना प्रधान से बात करना दर्शाता है कि अमेरिका भी मानता है कि पाकिस्तान में असली सत्ता सेना के हाथ में है, जबकि सरकार मात्र एक मुखौटा है।
भारत ने पाकिस्तान के एयरबेस पर किया सटीक हमला
पाकिस्तानी सेना ने खुद अंगीकार किया है कि भारत ने नूर खान (रावलपिंडी), मुरीद (चकवाल), और रफीकी (शोरकोट) एयरबेस को निशाना बनाया है। ये आक्रमण भारत की सख्त जवाबी नीति को दर्शाते हैं।
पाकिस्तान का जवाबी सैन्य अभियान: ‘बुनयान अल-मरसूस’
परमाणु हमला: पाकिस्तान ने अब अपने जवाबी सैन्य ऑपरेशन को नाम दिया है — ‘बुनयान अल-मरसूस’, जिसका मतलब है ‘लौह दीवार’। यह अभियान भारत की कार्रवाई के जवाब में प्रारंभ किया गया है, जिसमें अब तक कोई ठोस सफलता पाकिस्तान को नहीं मिली है।