Nuclear threat: पाकिस्तान की हालत दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है। कर्ज, महंगाई, आतंक और ड्रग्स की तस्करी ने इस देश को खतरनाक बना दिया है। वहीं, पाकिस्तानी हुक्मरान अब भी भारत से मुकाबले की डींगें हांकते नहीं थकते।
आर्थिक संकट और जनता की हालत
पाकिस्तान पर इस वक्त लगभग 256 बिलियन डॉलर का सार्वजनिक कर्ज है, जो उसकी GDP का 67% है। जून 2024 की सरकारी प्रतिवेदन के अनुसार, महंगाई दर 38% तक पहुंच गई है। इसके बावजूद पाकिस्तान की सरकार अपने रक्षा बजट में कटौती करने को मुस्तैद नहीं है।

खुद पाकिस्तान में उठ रही आवाज़ें
Nuclear threat: पहलगाम आक्रमणों के बाद भारत की सख्ती का प्रभाव पाकिस्तान पर साफ दिखने लगा है। हिंदुस्तान ने सिंधु जल संधि को आंशिक रूप से स्थगित किया, जिसका सीधा प्रभाव पाकिस्तान की जल आपूर्ति पर पड़ा है। हालत यह हो गई है कि कई पाकिस्तानी एयरपोर्ट्स तक पर पानी की भारी किल्लत हो रही है। इस पर पाकिस्तान की मशहूर सिनेमा अभिनेत्री हिना ख्वाजा (Hina Khawaja Bayat) ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने परोक्ष रूप से पाकिस्तान सरकार को सलाह दी कि दिखावे और डींगों के बजाय मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान दें। हिना का कहना था कि अगर देश के नेता ज़मीनी हकीकत पर ध्यान देते, तो जनता को इतनी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता।
सेना को हथियार, जनता को भूख
जनता भले ही रोटी को तरस रही हो, लेकिन पाकिस्तानी सेना को एडवांस हथियार चाहिए। चीन से J-35 फाइटर जेट खरीदने की प्रयत्न की जा रही है। वहीं भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित कर पाकिस्तान को एक और झटका दिया है, जिससे अब वहां के एयरपोर्ट्स तक पर पानी की किल्लत हो गई है।
ISI और ड्रग्स तस्करी का गठजोड़
भारत को ड्रग्स से घेरने की दोहरी रणनीति पर पाकिस्तान काम कर रहा है।
- पहला नेटवर्क है डेथ क्रीसेंट – पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान का प्रदेश, जहां से अफीम पैदा होकर हेरोइन के रूप में भारत में भेजी जाती है।
- दूसरा नेटवर्क है डेथ ट्रायंगल – म्यांमार, थाईलैंड और लाओस का क्षेत्र, जहां से मादक पदार्थों की तस्करी बड़े स्तर पर होती है।
पाकिस्तान इस तस्करी में भागीदार होकर न केवल अपने देश को बर्बाद कर रहा है बल्कि भारत और पूरी दुनिया के लिए खतरा भी बनता जा रहा है।
परमाणु बम: आतंक के हाथ न लग जाए
पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम हमेशा विवादों में रहा है। चोरी और अवैध तरीकों से तकनीक जुटाने के इलज़ाम पहले भी लगे हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को डर है कि कहीं ये हथियार आतंकियों के हाथ न लग जाएं। अगर ऐसा हुआ तो विनाश पाकिस्तान के अंदर ही आरंभ होगा।