पंजाब के लुधियाना में देर रात जगेड़ा नहर पुल मलेरकोटला रोड पर महिंद्रा पिकअप गाड़ी नहर में गिर गई। गाड़ी में कुल 24 से 26 लोग सवार थे, जिनमें से 2 बच्चों समेत 4 लोगों की मौत हो गई। वहीं, 3 से 4 लोग नहर में लापता हो गए। सभी लोग हिमाचल (Himachal) से माता नैना देवी (Mata Naina Devi) के दर्शन कर अपने गांव मानकवाल लौट रहे थे। गाड़ी में सवार लोगों के अनुसार, पिकअप गाड़ी ओवरलोड थी। एक वाहन को ओवरटेक (Overtake) करते समय अचानक उसका संतुलन बिगड़ गया और यह हादसा हो गया।
हाईलाइट्स
- सभी लोग हिमाचल से माता नैना देवी के दर्शन कर अपने गांव मानकवाल लौट रहे थे
- गाड़ी में सवार लोगों के अनुसार, पिकअप गाड़ी ओवरलोड थी
- एक वाहन को ओवरटेक करते समय अचानक उसका संतुलन बिगड़ गया और यह हादसा हो गया।
मृतकों की पहचान जरनैल सिंह (52), मंजीत कौर (58), सुखमन कौर (डेढ़ साल) और आकाशदीप सिंह (8) के रूप में हुई है। मरने वाले सभी गांव मानकवाल के रहने वाले थे। इनके शव रात 2 बजे लुधियाना के सिविल अस्पताल पहुंचाए गए। वहीं, लापता लोगों की खोज में 2 बजे तक सर्च ऑपरेशन चलता रहा।
दुर्घटना में ये लोग घायल हुए
वहीं, घायलों में सरबजीत कौर, सुरिंदर सिंह, जसविंदर कौर, सरबजीत कौर, स्वर्णजीत कौर, भाग सिंह, काका सिंह, कमलजीत कौर और संदीप कुमार शामिल हैं। ये सभी हुसैनपुरा के रहने वाले हैं।घटना की सूचना मिलते ही डिप्टी कमिश्नर (DC) हिमांशु जैन, SSP ज्योति यादव और विधायक मनविंदर सिंह ग्यासपुरा रात में ही डेहलों के सिविल अस्पताल में पहुंचे। डिप्टी कमिश्नर ने घायल लोगों का हाल जाना और डॉक्टरों से पूरे मामले की जानकारी ली।
ओवरलोडिंग के कारण हुआ हादसे, 4 लोगों ने दम तोड़ा
बातचीत करते हुए DC हिमांशु जैन ने कहा- जगेड़ा पुल पर यह हादसा हुआ है। अभी तक की जानकारी के मुताबिक गाड़ी में कुल 24 लोग सवार थे। गाड़ी का संतुलन बिगड़ने के कारण गाड़ी नहर में पलट गई।करीब 22 लोगों को बाहर निकाल लिया गया है। अभी पता चल रहा है कि 2 लोग लापता भी हैं, जिन्हें ढूंढा जा रहा है। DC ने कहा कि सभी लोग मानकवाल और आस-पास के गांवों के रहने वाले हैं। घटना की सूचना मिलते ही अस्पतालों और प्रशासन को अलर्ट कर दिया था। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
माता नैना देवी का इतिहास क्या है?
माता नैना देवी का मंदिर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है। मान्यता है कि यहां देवी सती के नेत्र गिरे थे, जिसके कारण इस मंदिर का नाम नैना देवी पड़ा। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है और साल भर भक्तों का आना-जाना लगा रहता है, खासकर नवरात्रों में यहां भारी मेला लगता है।
नैना देवी की कितनी सीढ़ियां हैं?
इसे सुनेंवहाँ पहुँचने के बाद भी आपको मुख्य मंदिर तक पहुँचने के लिए कुछ सीढ़ियाँ (100 या 150) चढ़नी पड़ती हैं। यह पहाड़ी की चोटी पर है। उत्तराखंड राज्य के नैनीताल स्थित माँ नैना देवी मंदिर में प्रवेश करते ही सबसे पहले भगवान हनुमान और फिर गणेश जी की प्रतिमा आपका स्वागत करती है।
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