नगर निगम लखनऊ: लखनऊ में रोहिंग्या मुसलमानों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मुस्तैदी जोरों पर है। नगर निगम की मेयर सुषमा खर्कवाल के नेतृत्व में चल रहे अभियान के तहत सिटी में लगभग 1.5 लाख रोहिंग्याओं की पहचान की गई है। इनमें से करीब 50,000 रोहिंग्या पहले ही सिटी से हटाए जा चुके हैं, जबकि बाकी बचे एक लाख लोगों पर अगले छह महीनों में कार्रवाई की जाएगी।
रेलवे लाइन और गवर्नमेंट जमीन पर अवैध कब्जे
मेयर खर्कवाल ने बताया कि इनकी बस्तियां रेलवे पटरियों, गवर्नमेंट जमीनों और ऊसर भूमि पर बसी हुई हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कई स्थानीय लोगों ने अपने प्लॉट पर इन्हें बसा लिया है और बिजली-पानी जैसी सुविधाएं भी मुहैया कराई हैं, जो कानून के विरुद्ध है।

नगर निगम लखनऊ: विभागों को भेजा गया पत्र
मेयर ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए बिजली विभाग, डीआरएम पूर्वोत्तर रेलवे और डीआरएम उत्तर रेलवे को चिट्ठी भेजा है। इनमें कहा गया है कि रेलवे पटरियों के किनारे बड़ी संख्या में रोहिंग्याओं का अवैध नियंत्रण है। उन्होंने कहा कि डालीगंज में रेलवे द्वारा पहले ही कार्रवाई की गई थी जिसमें कई अवैध नियंत्रण हटाए गए।
हादसों की आशंका, साजिश का आरोप
मेयर खर्कवाल ने गंभीर इलज़ाम लगाते हुए कहा कि ये लोग रेलवे ट्रैकों पर लोहे के दरवाजे और लकड़ी के टुकड़े रखकर हादसे कराने की साजिश करते हैं, जिससे जनधन की क्षति हो सकती है। उन्होंने इसे हिफ़ाज़त के लिए गंभीर संकट बताया।
पिछली सरकारों पर आरोप
मेयर ने यह भी इलज़ाम लगाया कि पूर्ववर्ती गवर्नमेंट ने रोहिंग्याओं को वोट बैंक के लिए बसाया। उन्होंने कहा कि इस समस्याएँ पर वह मुख्यमंत्री से लगातार संपर्क में हैं, और आगे की कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन भी सौंपेंगी।