सामान्यीकरण पर मंडरा रहा संकट का साया
वॉशिंगटन: इजरायल की वेस्ट बैंक पर कब्जे की योजना को लेकर मुस्लिम देशों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। सऊदी अरब(Saudi Arabia) के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान(MBS) ने कहा कि यदि इजरायल ऐसा कदम उठाता है तो दोनों देशों के बीच सामान्यीकरण की संभावनाएं समाप्त हो जाएंगी। उन्होंने यह टिप्पणी रियाद में संयुक्त अरब अमीरात(UAE) के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जाएद अल नाहयान से मुलाकात के दौरान की।
खाड़ी देशों का सख्त रुख और अब्राहम समझौता
सऊदी(Saudi Arabia) प्रिंस की चेतावनी से पहले यूएई भी इजरायल को आगाह कर चुका है। राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जाएद ने स्पष्ट किया था कि वेस्ट बैंक पर कब्जा किसी भी हाल में खतरनाक संकेत होगा। इस कदम से खाड़ी देश अब्राहम समझौते से बाहर निकल सकते हैं। यह समझौता सितम्बर 2020 में बहरीन और यूएई द्वारा सबसे पहले स्वीकार किया गया था, जिसने अबू धाबी और यरुशलम के रिश्तों को नया आयाम दिया।
रियाद में सऊदी और यूएई नेतृत्व की बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि अगर इजरायल पश्चिमी तट पर कब्जे की दिशा में आगे बढ़ा तो अब्राहम समझौता खत्म हो सकता है। सऊदी शाही सूत्रों ने बताया कि ऐसा होने पर सऊदी अरब और इजरायल के बीच सामान्यीकरण की संभावनाएं भी समाप्त हो जाएंगी।
इजरायल पर ईरान और हमास को बढ़ावा देने का आरोप
सऊदी(Saudi Arabia) अरब और यूएई का मानना है कि इजरायल ऐसे कदम उठाकर अनजाने में ईरान और हमास के पक्ष को मजबूत कर रहा है। इनका मकसद इजरायल और अरब देशों के रिश्तों को कमजोर करना है। यही कारण है कि दोनों खाड़ी देशों ने इसे क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा बताया है।
यूएई राष्ट्रपति ने एक्स पर लिखा कि इस समय में साफ संदेश दिया जाना चाहिए: विलय एक रेड लाइन है और समाधान केवल दो-राज्य व्यवस्था में है। इस बयान ने साफ कर दिया है कि खाड़ी देशों की प्राथमिकता शांति बहाली और फिलिस्तीन को न्याय दिलाने पर केंद्रित है।
सऊदी अरब ने इजरायल को किस बात पर चेतावनी दी?
सऊदी अरब ने कहा है कि अगर इजरायल वेस्ट बैंक पर कब्जा करता है तो दोनों देशों के बीच सामान्यीकरण की प्रक्रिया पूरी तरह समाप्त हो जाएगी और अब्राहम समझौते से हटने का विकल्प भी सामने आ सकता है।
अब्राहम समझौते की अहमियत क्यों है?
अब्राहम समझौता 2020 में हुआ था, जिसने इजरायल और कई अरब देशों के बीच संबंधों को सामान्य बनाया। इसके तहत खाड़ी देशों ने इजरायल के साथ कूटनीतिक और आर्थिक सहयोग बढ़ाया, लेकिन कब्जे की योजना इस समझौते को खत्म कर सकती है।
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