कोरबा। कोरबा जिले में पहाड़ी इलाकों में सीड बॉल तकनीक (Seed Ball Technique) से पौधे लगाए जाएंगे। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। पहली बार कोरबा जिलान्तर्गत कटघोरा वनमंडल में दुर्गम स्थानों पर पौधरोपण के लिए ड्रोन (Drone) की भी मदद लेने की तैयारी है। ड्रोन से सीड बॉल को जंगल फेंका जाएगा। कोरबा और कटघोरा वनमंडल में सीड बॉल तकनीक से लगभग एक लाख पौधे उगाने की योजना बनाई है। वन विभाग (Forest Department )की ओर से बताया गया है कि इसके लिए स्थानीय स्तर पर बीज को एकत्र करने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है।
जंगल में उन्हीं पेड़ों की बीजों को दर्गम स्थानों पर फेंका जाएगा, जो स्थानीय स्तर पर जंगल में पाए जाते हैं। इसमें साल, सागौन के अलावा नीम, जामुन, हर्रा, बहेरा, अर्जुन जैसे औषधीय गुण वाले पौधे भी शामिल हैं। कटघोरा वनमंडल में 50 हजार सीड बॉल को तैयार किया जा रहा है और इसके लिए वन विभाग के कर्मचारी जुटे हुए हैं। इसके अलावा कोरबा वनमंडल में भी सीड बॉल के लिए कार्य चल रहा है।
कोरबा वनमंडल में भी सीड बॉल के लिए कार्य चल रहा है।
वन विभाग की ओर से बताया गया है कि सीड बॉल तकनीक के जरिए उन स्थानों पर बीज को पहुंचाया जाता है, जो दुर्गम है। ऐसे पहाड़ी इलाके जहां सामान्य तौर पर वर्षा ऋतु में पौधरोपण संभव नहीं है, वहां सीड बॉल तकनीक कारगर साबित होती है। इस तकनीक का इस्तेमाल पहली बार जापान में हुआ था। वहां सीड बॉल तकनीक सफल रहा और इसे भारत के कई हिस्से में भी अपनाया गया है। कोरबा और कटघोरा वनमंडल में भी सीड बॉल के सहारे दुर्गम जंगल में पौधे लगाने की योजना है।
ऐसे बनाए जाते हैं सीड
बॉल वन विभाग के अनुसार सीड बॉल बनाने के लिए विभिन्न प्रजाति बीज एकत्र किए जाते हैं। बीजों को मिट्टी, लकड़ी का कोयला और खाद के मिश्रण के बीच डाल दिया जाता है। इसे नम स्थान पर धीरे-धीरे सुखाया जाता है। दुर्गम पहाड़ी इलाकों में ड्रोन की मदद से भी बीज को ऊपर से जमीन की सतह पर गिराया जाता है। बारिश में बीज मिट्टी के साथ अंकुरित होता है और पौधे धीरे-धीरे तैयार होने लगते हैं। कटघोरा वनमंडलाधिकारी कुमार निशांत की सीड बॉल तकनीक के जरिए लगभग 50 हजार पौधा लगाने की योजना है। इसके लिए कटघोरा वनमंडल में ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। ड्रोन से सीड बॉल को दुर्गम पहाड़ी इलाकों में पहुंचाया जाएगा।
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