7 सितंबर 2025 को पड़ रहा है चंद्र ग्रहण – जानें क्या करें, क्या नहीं!
- ग्रहण का समय और प्रभाव
- 7 सितंबर 2025 को पड़ने वाला चंद्र ग्रहण शनि-मंगल समसप्तक योग के साथ आ रहा है।
- ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण को विशेष और संवेदनशील समय माना जाता है, विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं के लिए।
Chandra Grahan Mein Pregnant Lady Kya Kare: साल का दूसरा और आखिरी (Chandra Grahan) चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 की रात 9 बजकर 58 मिनट से देर रात 1 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। जबकि इसका सूतक दोपहर 12 बजकर 19 मिनट से लग जाएगा। धार्मिक दृष्टि से चंद्र ग्रहण लगना अशुभ माना जाता है। वैदिक ज्योतिष में ऐसा माना जाता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान ब्रह्मांड में कई नकारात्मक तरंगें सक्रिय होती हैं इसलिए इस समय गर्भवती महिलाओं को कुछ विशेष सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है, जिससे मां और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों की सुरक्षित रहें। जानिए 7 सितंबर (7 September) के चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं क्या करें और क्या ना करें।
क्या करें गर्भवती महिलाएं?
- मंत्र जाप करें – विशेषकर विष्णु या शिव मंत्रों का जाप करें।
- गर्भ की रक्षा हेतु चंदन, तुलसी या कुश रखें।
- ग्रहण से पहले और बाद में स्नान करें।
- शारीरिक और मानसिक शांति बनाए रखें।
- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण शुरू होने से पहले घर की खिड़कियां और दरवाजे ढक देने चाहिए।
क्या नहीं करें गर्भवती महिलाएं?
- तेज धारदार वस्तुओं का प्रयोग न करें – जैसे कैंची, चाकू, सुई आदि।
- सोने या लेटने से बचें – ग्रहण काल में निद्रा को वर्जित माना गया है।
- टीवी/मोबाइल आदि की स्क्रीन से दूर रहें।
- ग्रहण के दौरान खाना न खाएं और न ही पानी पिएं।
ग्रहण के बाद क्या करें?
- ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करें
- घर में गंगाजल का छिड़काव करें
- ईश्वर का स्मरण व पूजा-पाठ करें
क्यों जरूरी है ये सावधानियाँ?
- माना जाता है कि ग्रहण के समय नकारात्मक किरणों का प्रभाव बढ़ जाता है।
- गर्भस्थ शिशु की सुरक्षा हेतु प्राचीन काल से ही विशेष नियमों का पालन किया जाता रहा है।
चंद्र ग्रहण में गर्भवती महिलाएं कुछ खा सकती हैं?

ग्रहण के समय आमतौर पर कुछ भी खाने से मना किया जाता है लेकिन गर्भवती महिलाएं स्वास्थ्य कारणों की वजह से इस दौरान ताजे फल, सात्विक भोजन और जरूरी दवाइयों का सेवन कर सकती हैं।
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को कैसे सोना चाहिए?
ग्रहण के समय सोना भी नहीं चाहिए। – ग्रहण के दौरान नाखून कांटना, बालों में कंघी करना और दांतों की सफाई करना अशुभ माना जाता है। – ग्रहणकाल के दौरान गुरु प्रदत्त मंत्र का जाप करते रहना चाहिए। – हनुमान चालीसा का पाठ करें।
ग्रहण के दौरान बच्चे का जन्म होने पर क्या होता है?
खासतौर पर ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। मान्यता है कि ग्रहण के दौरान यदि किसी बच्चे का जन्म होता है, तो उसे भी अशुभ माना जाता है, क्योंकि ग्रहण का अशुभ प्रभाव नवजात शिशु पर पड़ता है। कई लोग ऐसा भी कहते हैं कि इस दौरान जन्मा शिशु दुर्भाग्यशाली होता है।
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