बिहारशरीफ(नालंदा)। हॉकी प्रेमियों का इंतज़ार शुक्रवार को खत्म हो गया। हीरो मेंस एशिया कप 2025 की मेजबानी के लिए ऐतिहासिक नगरी राजगीर (Rajgir) दुल्हन की तरह सज-धज कर तैयार है। विदेशी खिलाड़ियों की आमद ने शहर की रौनक को चार चांद लगा दिए हैं। कहीं खिलाड़ियों के खेल का रोमांच, तो कहीं सुरक्षा बलों की मुस्तैदी – राजगीर फिलहाल पूरी तरह हाकीमय हो गया है।
सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम
स्टेडियम (Stadium) और आसपास का इलाका अब किसी अभेद्य किले से कम नहीं। हर कोने पर सुरक्षाकर्मी तैनात दिखे, भारी पुलिस बल की गश्त जारी रही और डॉग स्क्वायड मुस्तैद दिखी। एसपी भारत सोनी खुद स्टेडियम का मुआयना कर सुरक्षा व्यवस्था को परखा, ताकि खिलाड़ियों और दर्शकों दोनों के लिए माहौल एकदम सुरक्षित रहे।
देशी मेहमान और ट्रॉफी का जलवा
भारत, मलेशिया, जापान, चीन (China) कज़ाख़स्तान, चीनी ताइपे, बांग्लादेश और कोरिया पर सभी की नजरे टिकी हैं। नीले एस्ट्रो-टर्फ पर खिलाड़ियों की स्पीड और ड्रिब्लिंग देख दर्शक रोमांचित हो उठे। मौसम भी सुहाना है—कभी घिरते बादल, तो कभी हल्की धूप दर्शकों को राहत दे रही है।
स्वाद और खेल का संगम
हॉकी का मज़ा जबर्दस्त हो, तो खाने-पीने का तड़का कैसे पीछे रहे। दर्शकों के लिए खास तौर पर फूड कोर्ट बनाए गए हैं। यहां लिट्टी-चोखा, मछली-भात, बिरयानी-कबाब जैसे बिहारी व्यंजन लोगों को ललचा रहे हैं। आयोजकों ने ख्याल रखा है कि मैच देखने के साथ दर्शक राजगीर के जायके का भी मज़ा लें।
स्कूली बच्चों से भरा स्टेडियम
भले ही टिकट सोल्ड आउट दिखा हो, लेकिन मैदान के अंदर स्कूली बच्चे ही दर्शक बनकर मैच का लुत्फ उठाते दिखे। भोजपुरी गानों का तड़का दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर रहा था।
हीरो एशिया कप चैंपियनशिप में दर्शकों का जोश चरम पर
राजगीर के विश्वस्तरीय खेल परिसर में आयोजित एशियाई हाकी चैंपियनशिप ट्रॉफी ने दर्शकों को रोमांच से भर दिया। पहली बार भारत, चीन, बांग्लादेश, मलेशिया, कोरिया और चीनी ताइपे की टीमें राजगीर की धरती पर आमने-सामने थीं। स्टेडियम का नजारा त्योहार जैसा हो गया।
आतिशबाज़ी और भोजपुरी गानों से सजा उद्घाटन
ट्रॉफी का उद्घाटन मैच बांग्लादेश और मलेशिया के बीच खेला गया। भोजपुरी गानों की धुन गूंजते ही दर्शक खड़े होकर नाचने लगे। खिलाड़ियों में भी खास ऊर्जा झलक रही थी।
दर्शक बने असली हीरो
चाहे टीम कोई भी खेल रही हो, हर गोल के साथ स्टेडियम तालियों और नारों से गूंज उठा। बच्चों से लेकर बड़े तक, हर कोई हॉकी के इस जश्न का हिस्सा बना।
मलेशिया टीम का जलवा
पहले दिन के मुकाबले में मलेशिया टीम ने गोलों की बरसात कर दी। हर अटैक और गोल ने दर्शकों के उत्साह को चरम पर पहुंचा दिया।
हॉकी का पुराना नाम क्या था?
दुनिया के सबसे पुराने खेलों में से एक, हॉकी की शुरुआत संभवत: 1527 में स्कॉटलैंड से हुई थी। तब इसे अंग्रेज़ी में के नाम से जाना जाता था। कुछ रिकॉर्ड्स बताते हैं कि इसी तरह का खेल उस समय मिस्र में भी खेला जाता था।
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